....

प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता, उत्कृष्टता, अनुशासन और शैक्षणिक परिसर की संस्कृति महज ढांचा बनकर रह गई है: जीतू पटवारी

 भोपाल : शुक्रवार, जुलाई 26, 2024/ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की प्रायमरी, मिडिल, हाई और हाई सेकेण्डरी स्कूलों की दुर्दशा व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में हजारों स्कूल ऐसे हैं जहां बारिश होने के कारण स्कूलों की छते टपक रही हैं। स्कूलों में लबालब पानी भरा हुआ है और इस कारण प्रदेश भर


में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। इतना ही नहीं मप्र के हजारों स्कूलों के 90 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल ही नहीं जा रहे हैं और जो बचे हुये 10 प्रतिशत बच्चे जैसे-तैसे स्कूल जा रहे है तो उन्हें बैठक के लिए स्कूलों के कमरे तक नहीं है, वे शेड के नीचे बैठ कर पढ़ाई करने के लिए विवश हैं। स्कूलों का आलम यह है कि एक ही कमरे में पांच-पांच कक्षाएं संचालित हो रही है।


पटवारी ने कहा कि बारिश के कारण नरसिंहपुर जिले में स्थित एक सीएम राईज स्कूल की छत गिर गई, जिसमें 10 बच्चे घायल हो गये। यह स्थिति केवल नरसिंहपुर नहीं, प्रदेश के विभिन्न जिलों की है जहां स्कूलों की छतें जर्जर अवस्था में है और 7500 स्कूलों की बिल्डिंग टूटी हुई हैं, इससे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ कभी भी हादसा हो सकता है, लेकिन अपनी सुख सुविधाओं के साधन जुटाने में लगी सरकार की नजर इन स्कूलों पर नहीं पड़ रही है।


पटवारी ने कहा कि छिंदवाड़ा, दमोह, भोपाल, जबलपुर, सागर, शिवपुरी, उज्जैन, विदिशा सहित प्रदेश के 38 जिलों के 355 स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक तो पदस्थ हैं, पर स्कूलों में पढ़ने के लिए बच्चे नहीं हैं। मप्र में 50 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं और 2621 स्कूल ऐसे भी हैं, जिसमें एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है। इतना ही नहीं सैकड़ों हाई सेकेण्डरी स्कूल मप्र में ऐसे हैं, जहां गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, इग्लिश लेटरेचर के शिक्षक ही नहीं हैं, 15500 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें केवल एक ही शिक्षक है।


पटवारी ने कहा कि भाजपा राज में मप्र में शिक्षा की गुणवत्ता, उत्कृष्टता, अनुशासन और शैक्षणिक परिसर की संस्कृति महज ढांचा बनकर रह गई है। क्या होगा भविष्य के इन शिल्पकारों का, जिनसे प्रदेश और देश के भविष्य को संवारने की अनमोल अपेक्षाएं रहती है, प्रदेश के एक-एक बच्चे, युवा और नागरिक के लिए यह बेहद चिंता का विषय है। बच्चों के भविष्य को लेकर लच्छेदार और बड़ी-बड़ी बातें करने वाली प्रदेश की सरकार ने अपने मुंह पर ताला क्यों लगा रखा है? प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बतायें कि आखिर किस आधार पर आप विकसित राष्ट्र का ढिंढ़ोरा पीटते हैं?        


Share on Google Plus

click newsroom

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment