मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 3 तलाक से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि 3 तलाक असंवैधानिक और समाज के लिए बुरा है। कानून निर्माताओं को यह समझने में कई साल लग गए। अब समय आ गया है कि देश समान नागरिक संहिता की आवश्यकता को समझे। समाज में आज भी आस्था और विश्वास के नाम पर कई कट्टरपंथी, अंधविश्वासी और अति-रूढ़िवादी प्रथाएं प्रचलित हैं।
संविधान में अनुच्छेद-44 का भी जिक्र
भारत के संविधान में पहले ही से अनुच्छेद-44 शामिल है, जो समान नागरिक संहिता की वकालत करता है, किंतु अब इसे केवल कागज पर नहीं बल्कि वास्तविक बनाया जाए। अच्छी तरह से तैयार समान नागरिक संहिता ऐसे अंधविश्वासों और बुरी प्रथाओं पर रोक लगाने का काम करेगी। इससे राष्ट्र की अखंडता को मजबूती मिलेगी।
0 comments:
Post a Comment