केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर से अजित डोभाल को तीसरी बार देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्त किया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इससे जुड़ा लेटर जारी कर दिया है। वहीं, पीके मिश्रा प्रधानमंत्री मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर बने रहेंगे।
1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल प्रधानमंत्री के सामने कूटनीतिक सोच और ऑपरेशनल प्लानिंग का शानदार कॉम्बिनेशन लेकर आते हैं। वह एक प्रख्यात काउंटर टेरेरिज्म एक्सपर्ट हैं। इसके साथ ही उन्हें परमाणु मुद्दों का भी विशेषज्ञ माना जाता है। डोभाल पिछले 10 सालों से देश के NSA के तौर पर काम कर रहे हैं। उरी में हुए सर्जिकल स्ट्राइक हो या पाकिस्तान में घुस कर आतंकवादियों को मारना हो ये सब काम अजित डोभाल के NSA रहते हुआ। बता दें कि NSA का पोस्ट कैबिनेट मंत्री के स्तर का होता है। NSA की रिपोर्टिंग सीधे प्रधानमंत्री के पास होती है वो रक्षा मंत्री या गृहमंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं।
परिपत्र के अनुसार, उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ पूरा होगा या किसी अन्य आदेश के तहत उनका कार्यकाल इससे पहले भी समाप्त किया जा सकता है। डोभाल को एनएसए के रूप में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा। डोभाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में 30 मई 2014 को एनएसए बनाये गये थे और उन्होंने उस समय भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी शिव शंकर मेनन का स्थान लिया था। डोभाल को 2019 में दूसरी मोदी सरकार में पुनः इस पद पर नियुक्त किया गया।
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