जबलपुर को वायुमार्ग से दूसरे शहरों से जोड़ने के आंदोलन की कड़ी में आज नो फ्लाइंग डे मनाया जा रहा। इस मौके पर विवेक तन्खा ने सांसदों से अपील की है कि जबलपुर के हित में आवाज उठाएं। लगभग दो माह से जबलपुर को विभिन्न शहरों से फ्लाइट कनेक्टिविटी दिलवाने के लिए आंदोलनरत, वायु सेवा संघर्ष समिति द्वारा आयोजित नो फ्लाइंग डे को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ है। समिति संयोजक हिमांशु खरे ने बताया कि आज यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वह जबलपुर की वायु यात्रा न करें तथा विमानन कंपनियों का बहिष्कार करें। नो फ्लाइंग डे को जबलपुर के तमाम संस्थाओं ने अपना भरपूर समर्थन मिला है।
16 फ्लाइट चलती थीं, जो अब गिरते-गिरते छह हो चुकी हैं
हिमांशु खरे ने बताया कि जबलपुर से पूर्व में लगभग 16 फ्लाइट चलती थीं, जो कि अब गिरते-गिरते छह हो चुकी हैं। अपनी अपेक्षाओं का दंश झेल रहे जबलपुर में जब वायु सेवाओं की कटौती हुई तो सिर्फ जबलपुर ही नहीं बल्कि आसपास के अनेकों जिलों तक इसकी भर्त्सना की गई। गिरती हुई विमानों की संख्या से उद्योग व्यापार के साथ ही विधि कार्य, चिकित्सकीय कार्य जैसे अनेकों महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हुए।
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