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लोकतंत्र की सफेद चादर पर काला दाग था आपातकाल - हितानंद

 भोपाल  : बुधवार, जून 26, 2024/ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने आपातकाल की बरसी पर भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा ‘‘आपातकाल-लोकतंत्र का काला दिन’’ विषय पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक इतिहास में महापाप करने का दुस्साहस अगर किसी ने किया था तो वह कांग्रेस ने किया था। वर्ष 1975 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू करके संविधान का गला घोंटने के साथ लोकतंत्र को कलंकित करने का कार्य किया था। वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र को रौंदने वाली कांग्रेस पार्टी के पाप को देश कभी नहीं भूल सकता है।



भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने ‘‘आपातकाल-लोकतंत्र का काला दिन’’ विषय पर युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस आज समाज में भ्रम फैला रही है कि संविधान खतरे में है। जबकि संविधान को आपातकाल लागू करके कांग्रेस पार्टी ने ही खतरे में डाला था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान की रक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस ने आज से 50 साल पहले आपातकाल लगाकर देश के लोकतंत्र और संविधान को किस तरह से गला घोटा था, आज की पीढ़़ी को जानना आवश्यक है। वर्ष 1975 से 1977 के बीच देश की जनता ने जो भयावह दौर देखा उसे भुलाया नहीं जा सकता। आपातकाल के निरंकुश अत्याचारों ने देश की आत्मा को कभी न भरने वाले गहरे घाव दिये हैं। कांग्रेस की क्रूरता को आप सभी युवा जानें और उन लोगों को भी बताएं जिन्होंने आपातकाल में इनकी तानाशाही को नहीं देखा।


भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार ने कहा कि सत्ता को अपने हाथ से फिसलता देख इंदिरा गांधी ने आपातकाल की बिसात रची। कांग्रेस के निरंकुश सत्ताधीशों ने अपने आपको सत्ता में बनाए रखने के लिए लोकतंत्र का गला घोंटा। जिस देश के नागरिकों को स्वतंत्र कराने के लिए असंख्य सेनानियों ने शताब्दियों तक संघर्ष कर अपने तन-मन-प्राण को आहूत किया, उस देश की जनता को कांग्रेस ने अपनी सत्ता लोलुपता के चलते आपातकाल से बंधक बनाया। उन्होंने कहा कि जब-जब इस देश में क्रूरता का काला इतिहास लिखा जाएगा तब-तब मुगलों, अंग्रेजों के साथ दमनकारी कांग्रेस का नाम भी लिखा जाएगा। सत्ता के दुरुपयोग से रेडियो और अखबारों पर नियंत्रण कर खुद की जय-जयकार के नारे लगवाने वाली इंदिरा गांधी सच की भक्षक बन गई थीं।


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