गर्मियों की छुट्टी में परिवार के साथ घूमने जाने के लिए या किसी जरुरी काम से एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए आज भी लोग ट्रेन का ही सफर करना पसंद करते है। ट्रेनों की कमी के कारण लोगों को लंबी-लंबी वेटिंग लिस्ट से सामना करना पड़ता है। अंतिम समय तक लोग टिकटों के कन्फर्म होने का इंतजार करते हैं। लेकिन टिकट कन्फर्म न होने के कारण वो ट्रेन के फर्श, गलियारें, दरवाजों और टॉयलेट के बगल में बैठकर सफर करने के लिए मजबूर होते हैं। ऐसे में ट्रेनों में बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है।
हाल ही में मोदी 3.0 में फिर से रेल मंत्रालय का जिम्मा संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में रेलवे के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें लोगों को वेटिंग लिस्ट के झंझट से मुक्ति दिलाने के साथ ही लोगों को आरामदायक और सुरक्षित सफर उपलब्ध कराने पर लंबा प्रजेंटेशन हुआ।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस साल लोगों को उनके शहरों तक पहुंचाने के लिए 19,837 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पिछले तीन महीनों के दौरान भारतीय रेल ने 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। जिसके कारण रेगुलर ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिली।
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