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मध्यप्रदेश में पहली बार अफ्रीकन जेब्रा का जन्म, जल्द दीदार कर सकेंगे पर्यटक

 इंदौर : मंगलवार, जून 25, 2024/ मध्य प्रदेश में पहली बार अफ्रीकन जेब्रा का जन्म हुआ है। इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (चिड़ियाघर) में रविवार रात करीब साढ़े 10 बजे अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया। एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जामनगर से पांच माह पहले अफ्रीकन जेब्रा का जोड़ा लाया गया था। चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक बेबी जेब्रा और मां दोनों स्वस्थ हैं। पर्यटक जल्द ही इसके दीदार कर सकेंगे।

चिड़ियाघर प्रबंधन के मुताबिक पूरे प्रदेश में जेब्रा सिर्फ इंदौर जू में है, जिनकी संख्या बढ़कर अब तीन हो गई है। चिड़ियाघर क्यूरेटर निहार पारुलेकर ने बताया कि अफ्रीकन जेब्रा के जोड़े ने रविवार रात करीब साढ़े दस बजे एक बच्चे को जन्म दिया है। मादा और बेबी जेब्रा दोनों स्वस्थ हैं। वह रातभर मां के ही पास रहा और सोमवार सुबह तक धीरे-धीरे पैरों पर खड़े होकर चहलकदमी करने लगा है।


बताया गया है कि इंदौर चिड़ियाघर प्रबंधन ने इंदौर में जेब्रा का जोड़ा लाने के लिए लगातार प्रयास किए। अफ्रीकन जेब्रा के लिए मुंबई के वीरमाता जीजाबाई भोंसले चिड़ियाघर को प्रस्ताव भेजा था। साथ ही सेंट्रल जू अथारिटी से एनिमल एक्सचेंज के तहत अनुमति चाही थी। वहां से तब हरी झंडी मिल गई थी। इसके बाद अफ्रीकन जेब्रा को मुंबई चिड़ियाघर से इंदौर भेजने की तैयारी पूरी हो चुकी थी लेकिन महाराष्ट्र में फाइनल निर्णय लेने में दिक्कत आ गई और मामला अटक गया था। इसके चलते कर्नाटक और गुजरात से जेब्रा मांगा गया। अंतत: गुजरात से यह सहमति बनी। पांच महीने पहले ही जेब्रा का जोड़ा इंदौर आ गया। बदले में व्हाइट टाइगर जामनगर-गुजरात को देना तय हुआ है। अब जल्द ही इंदौर से व्हाइट टाइगर जामनगर भेजा जाएगा।


गौरतलब है कि 52 एकड़ में फैले इंदौर के चिड़ियाघर में 1300 से ज्यादा वन्यप्राणी हैं। इनमें नौ शेर, 11 बाघ और चार तेंदुए शामिल हैं। यहां 10 शावकों ने बीते 11 महीने में जन्म लिया है। हिरण और सियार की संख्या पचास से अधिक है। यहां स्नेक और बर्ड हाउस भी बना है, जो यहां आने वाले लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं। बर्ड हाउस में 40 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी हैं। ग्रीन विग मकाऊ, ब्लू एड गोल्ड मकाऊ, कैपडोवे, लारी, उड़ने वाली गिलहरी, ग्लाइडर सहित कई पक्षी शामिल हैं। इंदौर जू में कई बार एनिमल एक्सचेंज के तहत जानवरों को लाया गया है। यहां 80 से ज्यादा प्रजातियों के 245 से ज्यादा विदेशी पक्षी और जानवर आए हैं। इनमें सांप, मकाऊ, इगुआना, कछुए, पाकेट मंकी, फिनएच, कानोट, लारी सहित अन्य पक्षी शामिल हैं।


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