विश्वविद्यालय के छात्रों को अब हॉस्टल फीस पर जीएसटी नहीं चुकाना होगा। जीएसटी काउंसलिंग ने शैक्षणिक संस्थानों के परिसर और बाहर के हॉस्टल शुल्क से जीएसटी हटाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले का देशभर के छात्रों ने सराहना की है। छात्र काफी खुश हैं और उनका कहना है जीएसटी के बचे हुए पैसे से शिक्षा में मदद मिलेगी।
22 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक में छात्रों के हित के लिए भी बड़ा फैसला किया गया। काउंसिल ने कहा कि अब किसी शैक्षणिक संस्थान पर परिसर के बाहर हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी जीएसटी नहीं देना होगा। हालांकि, इसके साथ शर्त यह होगी कि फीस की ऊपरी सीमा 20 हजार रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह होगी और छात्र को हॉस्टल में लगातार 90 दिनों तक रहना होगा। बता दें कि परिसर के अंदर हॉस्टल की सुविधा पर पहले से ही जीएसटी फ्री था।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र प्रशांत सिंह ने कहा कि, सरकार की यह बेहद सराहनीय पहल है। हॉस्टल फीस पर जीएसटी शुल्क नहीं लगने से छात्रों के अभिभावकों को आर्थिक रूप से काफी राहत मिलेगा। बीएचयू के ही छात्र देव राज सिंह ने कहा कि, विश्वविद्यालय के बाहर घरों में छात्रावास बनाकर गरीब बच्चों से मोटी कमाई की जाती थी। अब हॉस्टल पर जीएसटी फ्री करने से छात्रों की आर्थिक बचत होगी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी के छात्र ऋषि राज सिंह ने कहा कि, सरकार का यह फैसला बेहद अच्छा है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को मदद मिलेगी। खासकर बाहर से आए छात्रों को हॉस्टल में जीएसटी की छूट से राहत पहुंचेगी। डीयू के ही कला विभाग के एमए के छात्र अर्पित राज सिंह ने कहा कि, मैं सरकार के इस फैसले से खुश हूं। देशभर से दिल्ली आकर पढ़ने वाले छात्रों को अब काफी मदद मिलेगी।
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