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60 वर्ष के कम उम्र के लोग भी मोतियाबिंद की चपेट में

 60 वर्ष के कम उम्र के लोग भी मोतियाबिंद की चपेट में


भोपाल : बुजुर्गों की आंखों में होने वाला मोतियाबिंद रोग अब युवाओं को भी चपेट में ले रहा है। यह एम्स भोपाल के अध्ययन में सामने आया है। एम्स के नेत्र विभाग द्वारा तीन वर्ष में दो हजार 621 लोगों की मोतियाबिंद की सर्जरी की गई। इनमें से 40 प्रतिशत मरीजों की आयु 60 वर्ष से कम थी, जिनमें 36 मरीजों की आयु तो 18 वर्ष से भी कम रही। युवाओं में इसके कारणों में मधुमेह, रक्त संचरण का गड़बड़ होना सामने आया है, वहीं किशोरों और बच्चों में इसके कारणों पर चिकित्सक अभी शोध कर रहे हैं।



वरिष्ठ नेत्र चिकित्सकों के अनुसार अध्ययन काल के आंकड़ों से पूर्व तक यह संख्या कम थी और तब 60 वर्ष से कम उम्र के रोगियों की संख्या 15 से 20 प्रतिशत ही थी। एम्स ने अपने अध्ययन में राजधानी के मेडिकल कालेज गांधी मेडिकल कालेज के हमीदिया के आंकड़े भी शामिल किए हैं। इसके अनुसार बीते एक वर्ष में ही हमीदिया व एम्स में मिलाकर 18 वर्ष से कम आयु के मोतियाबिंद से पीड़ित 25 बच्चों की सर्जरी हुई है।

हमीदिया के नेत्र विभाग में 2023 में प्रति माह 36 मोतियाबिंद की सर्जरी हुईं। वर्ष 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 46 हो गया। यही नहीं वर्ष 2023 में 16 वर्ष से कम आयु के दो माह में एक केस मोतियाबिंद का आता था। वहीं 2024 में प्रति माह एक व इससे ज्यादा केस देखे गए हैं।

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