ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में विश्व का सबसे बड़ा तैरने वाला (फ्लोटिंग पैनल) सोलर पावर प्लांट आकार ले रहा है। प्रथम चरण में तीन कंपनियां ने प्रदेश शासन से लगभग 300 मेगावाट का अनुबंध किया है। 31 जुलाई तक यहां पूरी क्षमता से बिजली बनाई जाएगी। वैसे दो कंपनियों एएमपीए एनर्जी 75 मेगावाट (केलवाखुर्द) और एनएचडीसी 48.4 मेगावाट (ईंधावड़ी) ने बिजली बनाना शुरू कर दिया है, वहीं तीसरी कंपनी एसजेवीएन को (एखंड) में जनरेशन के लिए टेस्टिंग की अनुमति का इंतजार है।
मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी से स्वीकृति की औपचारिकता की वजह से उत्पादन अटका हुआ है। फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन दो चरणों में प्रस्तावित है। संयंत्र से 12 लाख टन कार्बन डाइआक्साइट का उत्सर्जन रुकेगा, जो एक करोड़ 52 लाख पेड़ के बराबर है।
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