नई दिल्ली : बुधवार, जून 19, 2024/ डाक घर अधिनियम 2023 आज से प्रभावी हो गया है। इसने भारतीय डाक अधिनियम 1898 का स्थान लिया है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था सहित निर्दिष्ट आधारों पर भारतीय डाक के माध्यम से भेजी जाने वाली किसी भी वस्तु को सरकार, गंतव्य तक पहुंचने के पहले बीच में ही रोक सकती है। ऐसा किसी भी आपातकाल की स्थिति में या सार्वजनिक सुरक्षा या शांति को ध्यान में रखते हुए किया जा सकता है।
केंद्र सरकार, राज्य सरकार या इन दोनों की ओर से अधिकृत कोई भी अधिकारी ऐसा कर सकता है। नए कानून के तहत प्रतिबंधित किसी भी वस्तु को डाक के जरिए भेजे जाने पर ऐसे अधिकारी उस पार्सल को खोल सकते हैं, रोक सकते हैं या उसे नष्ट कर सकते हैं। अधिनियम में यह भी कहा गया है कि डाक सेवा महानिदेशक को भारतीय डाक का प्रमुख नियुक्त किया जाएगा। उसके पास सेवाओं के शुल्क और डाक टिकटों की आपूर्ति सहित विभिन्न मामलों पर नियम बनाने की शक्तियां होंगी।
"डाकघर विधेयक, 2023" 10.08.2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था और 04.12.2023 को राज्यसभा ने इसे पारित किया था। इसके बाद विधेयक पर लोकसभा द्वारा 13.12.2023 और 18.12.2023 को विचार किया गया और पारित किया गया।
"डाकघर अधिनियम, 2023" को 24 दिसंबर 2023 को भारत के माननीय राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और इसे सामान्य जानकारी के लिए विधि और न्याय मंत्रालय (विधायी विभाग) द्वारा 24 दिसंबर 2023 को भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 1 में प्रकाशित किया गया था।
अधिनियम में कोई दंडनीय प्रावधान नहीं किए गए हैं। यह वस्तुओं, पहचानकर्ताओं और पोस्टकोड के उपयोग के बारे में निर्धारित मानकों के लिए प्रारूप उपलब्ध करता है।
"डाकघर अधिनियम, 2023" अधिसूचना सं 1/2023-सीमा शुल्क, दिनांक 10-11-2010 एस.ओ. 2352€ दिनांक 17 जून, 2024, 18 जून, 2024 से प्रभावी होता है और भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त करता है।
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