राजधानी में स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के पास करीब डेढ़ साल से नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) का तमगा नहीं है। जून 2022 में इसकी नैक ग्रेडिंग समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद अभी तक विवि की सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) भी सबमिट नहीं की गई है। नैक का सर्टिफिकेट होने से यह साबित होता है कि विवि उच्च गुणवत्तापूर्ण के मापदंड को पूरा कर रहा है। अब दो साल से नैक का तमगा नहीं होने से विद्यार्थियों का भविष्य अधर में नजर आ रहा है। नैक ग्रेडिंग नहीं होने से नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की रैंकिंग में भी विवि पिछले साल शामिल नहीं हो सका है। साथ ही रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) से भी बजट नहीं मिलता है। इस कारण विवि के विद्यार्थियों को प्लेसमेंट में भी परेशानी आ रही है।
आलम यह है कि दो सत्र से किसी भी कंपनी ने प्लेसमेंट के लिए विवि का रुख नहीं किया। नैक का तमगा नहीं होने के बाद भी विवि के विद्यार्थियों के सभी दस्तावेजों में ग्रेडिंग लिखा हुआ दिया जा रहा है। साथ ही कई कोर्स को नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन (एनबीए) की मान्यता नहीं मिली है। 2017 में नैक से ए ग्रेड की मान्यता मिली थी। अब तक विवि ने नैक की ग्रेडिंग के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इससे विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। उन्हें प्लेसमेंट से लेकर अन्य कार्यों में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। बता दें, कि नौ जून 2017 में पांच साल के लिए नैक ने आरजीपीवी का असेसमेंट करने के बाद ए-ग्रेड दिया था। जून 2022 में पांच साल पूरे हो गए थे।
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