ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान की मुसीबतें बढ़ती दिख रही हैं। लोहा मंडी की जमीन के नामांतरण मामले में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कलेक्टर को चेतावनी देते हुए कहा- 12 अप्रैल तक यदि 29 नवंबर 2023 को दिए आदेश का पालन नहीं किया गया तो सुबह सवा दस बजे कलेक्टर, अधीनस्थ अधिकारियों के साथ कोर्ट में मौजूद रहें। उनके खिलाफ अवमानना के आरोप तय किए जाएंगे। दरअसल, ये मामले चिरवई स्थित 14 बीघा 15 बिस्वा भूमि का है, जिस पर ग्वालियर विकास प्राधिकरण और गिरवर सिंह के परिजन दावा कर रहे हैं। ये जमीन प्राधिकरण ने नवीन लोहा मंडी के लिए आवंटित की है।
वहीं इस जमीन के संबंध में गिरवर सिंह के पक्ष में 25 फरवरी 2010 को जिला न्यायालय से डिक्री हुई थी। जिला न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट तक में शासन ने चुनौती दी, लेकिन हार ही मिली। उक्त जमीन पर गिरवर सिंह के वंशज ने नाम दर्ज करने के लिए जब राजस्व विभाग में आवेदन दिया तो अधिकारियों ने आवेदन खारिज कर दिया। इसके बाद 2017 में हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई। 29 नवंबर 2023 को हाई कोर्ट ने गिरवर सिंह के परिजनों का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज करने का आदेश दिया।
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