ईरान और इजरायल दोनों के बीच इन दिनों तकरार अपने चरम पर है। इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स कहती है कि इजरायल के कथित तौर पर ईरान पर हमला (Israel Attack on Iran) करने के बाद अब ईरान इजरायल (Israel) को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार हो गया है। वहीं दूसरी तरफ ये चर्चा चल रही है कि अगर इन दोनों देशों में युद्ध छिड़ा तो विश्व में शांति का संदेश देने वाला भारत (India) किसकी तरफ रहेगा। युद्ध में भारत आखिर किसका साथ देगा? तो इसे समझने के लिए ईरान (Iran) और इजरायल के साथ भारत के रिश्ते को समझना पड़ेगा।
भारत और ईरान के बीच के संबंध का काफी पुराना इतिहास है। दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान, व्यापारिक और कनेक्टिविटी सहयोग, सांस्कृतिक संबंध हैं। 15 मार्च 1950 को भारत और ईरान ने मैत्री संधि (India-Iran Relations) पर हस्ताक्षर किए थे। भारत और ईरान के बीच संसदीय अध्यक्ष स्तर की दो यात्राएं हो चुकी हैं, जिसमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार (Meera Kumar) ने 2011 में ईरान का दौरा किया था, इसके बाद 2013 में मजलिस के अध्यक्ष डॉ. अली लारिजानी ने भारत की वापसी यात्रा की थी।
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