महाराष्ट्रीयन समाज में 13 दिसंबर से 18 दिसंबर तक मल्हारी मार्तंड का खंडोबा पर्व मनाया जाएगा। यह उत्सव मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष के पहले दिन से शुरू होगा। 6 दिन का त्योहार नवरात्र की तरह मनाया जाता है। जातक व्रत रखने के साथ ही पूजा-अर्चना से जुड़े नियमों का पालन करते हैं।
पूरन पोली और बैंगन का लगाया जाएगा भोग
इस उत्सव के आराध्य देव खंडोबा बाबा की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। उनकी प्रतिमा या फोटो पर हल्दी उड़ाने की रस्म के साथ हवन-पूजन के साथ भंडारा का आयोजिन किया जाता है। इसमें मल्हारी मार्तंड को बैंगन, बाजरे की रोटी, पूरन पोली और विभिन्न व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।
भगवान शिव का रूप के मल्हारी मार्तंड
मल्हारी मार्तंड को भगवान शिवजी का रूप माना जाता है। इस पर्व को चंपा षष्ठी और स्कंद षष्ठी कहते हैं। देवता को बैंगन का भोग लगाया जाता है।
चंपा षष्ठी का महत्व
दक्षिण भारतीय लोग इस दिन महादेव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा करते हैं। मान्यता है कि 64 भैरवों में से मल्हारी मार्तंड एक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शंकर ने मल्हारी मार्तंड का रूप धारण कर मणिमल्ल नामक राक्षस का वध किया था। यह दिन चंपा षष्ठी का था।
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