बीजेपी नेता विनोद कुमार सोनकर के नेतृत्वा वाली लोकसभा की एथिक्स कमेटी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में मंगलवार को बैठक करने वाली है. कमेटी टीएमसी सांसद के खिलाफ लोकसभा में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने का आरोपों पर एक ड्राफ्ट रिपोर्ट भी पेश करेगी. कमेटी मोइत्रा के खिलाफ सख्त एक्शन की सिफारिश कर सकता है. इसमें वर्तमान लोकसभा के कार्यकाल में उनकी अयोग्य घोषित करना भी शामिल है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पैनल 2005 में सामने आए कैश फॉर क्वेरी को एक उदाहरण के तौर पर देख सकता है. इस केस में उन सभी 11 सांसदों को संसद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिन्होंने पैसे लेकर सदन में सवाल उठाए थे. हालांकि, ये मामला सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया था. दो साल तक चली सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने जनवरी 2007 में इन सभी आरोपी सांसदों की अयोग्यता पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद इनकी वापसी हुई.
एथिक्स कमेटी ने जारी किया नोटिस
एथिक्स कमेटी की तरफ से रविवार (5 नवंबर) को बैठक को लेकर नोटिस अपलोड किया गया. इसमें कहा गया, 'सांसद निशिकांत दुबे के जरिए 15 अक्टूबर, 2023 को सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत दी गई. महुआ के खिलाफ संसद में कैश फॉर क्वेरी मामले से जुड़े होने का कथित आरोप है. एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा के कथित तौर पर इस मामले से जुड़े होने की जांच को ध्यान में रखते हुए ड्राफ्ट रिपोर्ट पर विचार कर रही है और उसे अपनाने वाली है.'
बीजेपी पर बोला हमला
वहीं, महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर हमला बोलना जारी रखा है. उन्होंने कहा, 'बीजेपी इससे पहले कि फर्जी कहानी सुनाने के लिए महिला सांसदों को आगे करे. उन्हें याद रखना चाहिए कि मेरे पास एथिक्स कमेटी में रिकॉर्ड की सटीक प्रतिलिपि है. कमेटी के चेयरमैन के सस्ते घिनौने अप्रासंगिक सवाल, विपक्ष का विरोध, मेरा विरोध- सब कुछ आधिकारिक तौर पर काले और सफेद रंग में है. बेशरम और बेहुदा.'
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