....

Shukra Dosha: शुक्र ग्रह है जीवन के भौतिक सुखों का कारक, अगर कुंडली में है शुक्र दोष, जानें लक्षण और उपाय

 


Shukra dosha upay: वैदिक ज्योतिष प्रेम-संबंधों, विवाह, शारीरिक सुख आदि के लिए शुक्र का विचार किया जाता है। शुक्र ग्रह को जीवन के तमाम भौतिक सुखों का कारक माना गया है। 

कुंडली में यदि शुक्र का प्रभाव शुभ हो तो इससे व्यक्ति को जीवन में भौतिक सुख, विलासिता, ऐश्वर्य, प्रेम संबंधों में सफलता आदि की प्राप्त होती है।

 वहीं अगर कुंडली में शुक्र कमजोर या पीड़ित हो, तो जीवन में सुखों की कमी होती है और तमाम तरह की समस्याएं आ सकती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह हमारे जीवन में धन, समृद्धि, सुख, आनंद, आकर्षण, सुंदरता, युवावस्था, प्रेम संबंध, कामुकता, प्रेम में संतुष्टि, विवाह आदि का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा यह ग्रह कला, संगीत, शो, ग्लैमर, फैशन, गहने, वाहन, शानदार भोजन, और विलासिता का भी कारक माना गया है। 

जिन लोगों की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, उसे शुक्र के कारकत्व वाले सभी सुख प्राप्त होते हैं, लेकिन जिसका शुक्र कमज़ोर या पीड़ित होता है, उसके जीवन में ऐसे सभी सुखों का अभाव रहता है।जब कुंडली में अशुभ भावों का स्वामी हो, अशुभ भावों में बैठा हो, अपनी नीच राशि में हो, लग्नेश का शत्रु हो या पापी ग्रहों के साथ बैठा हो, तो इसे शुक्र ग्रह दोष कहा जाता है।

 यह दोष हमारे जीवन में प्रेम, विवाह, व्यवसाय, भोजन, आर्थिक स्थिति, रहन-सहन और रचनात्मक क्षमता को प्रभावित कर सकता है। आइये जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में-

  • अगर प्रेम संबंधों में बार-बार असफलता मिले, व्यक्तित्व में आकर्षण का अभाव हो, महिलाएं दूर भागती हों, तो ये कमजोर शुक्र के लक्षण हैं। जीवन में स्त्री सुख की कमी हो, या कामेच्छा का अभाव हो, तो ये भी शुक्र दोष की वजह से हो सकता है। अगर विवाह के बाद वीर्य की समस्या हो, संतान प्राप्ति में दिक्कत आ रही हो, तो ये कमजोर शुक्र के लक्षण हैं। विवाह में बाधा आ रही हो, या देरी हो, बार-बार रिश्ते टूट जाते हों, या विवाह के बाद भी सामंजस्य नहीं बैठ रहा हो, तो आपको शुक्र के उपाय करने चाहिए।
  • जीवन में अच्छे भोजन, अच्छे वाहन, अच्छे बिस्तर की कमी हो, आवश्यकता से कम धन हो, तो ये भी शुक्र दोष की वजह से हो सकता है। अगर गंदा रहने की आदत हो, नहाना पसंद ना हो, साफ-सफाई की जरुरत महसूस ना हो, तो ये भी कमजोर शुक्र के लक्षण हैं। ऐसे लोगों से लक्ष्मी हमेशा दूर रहती हैं।
  •  कुंडली में  दोष दूर करने के लिए पहले जानना होगा कि शुक्र किस वजह से पीड़ित हैं, या कमजोर हैं। अगर शुक्र अशुभ भावों को स्वामी हों, तो शुक्र से जुड़ी वस्तुओं का दान करें। शुक्रवार के दिन दूध, दही, चावल, घी आदि सफ़ेद वस्तुओं का दान करें। वहीं अगर शुक्र शुभ भावों का स्वामी होकर कमजोर हो, तो शुक्र मंत्र का जाप करना फायदेमंद हो सकता है। ऐसे लोगों को रोजाना शुक्र मंत्र- 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः' का एक माला (108) जाप करना चाहिए। अगर आर्थिक स्थिति अच्छी ना हो और जीवन में भौतिक सुखों की कमी हो तो शुक्रवार के दिन व्रत जरूर रखें और माता लक्ष्मी की उपासना करें। खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और श्री सूक्त और कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें। शुभ शुक्र को मजबूत करने के लिए हीरा या सफ़ेद पुखराज भी धारण कर सकते हैं।
Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment