नई दिल्ली: 1 सितंबर | केंद्र सरकार ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने (‘वन नेशन, वन इलेक्शन’) की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्र सरकार ने कमेटी का गठन शुरू कर दिया है।कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है। इसकी अधिसूचना किसी भी वक्त जारी की जा सकती है।
रामनाथ कोविंद का नाम सामने आने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा ने दिल्ली स्थित उनके निवास पर जाकर मुलाकात की।
बता दें, केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। चर्चा है कि इस सत्र में कई बड़े बिल लाए जा सकते हैं, जिनमें ’ प्रमुख है।विपक्षी दलों को भी लगाने लगा है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव समय पूर्व करवा सकती है।
इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं।कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी होगीकमेटी कानूनी पहलुओं पर विचार करेगीसभी पक्षों की राय भी जानेगीइसके बाद रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी जाएगीरिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे का फैसला लेगीलागू करने पर फैसला हुआ तो बिल तैयार किया जाएगापहले कैबिनेट और फिर संसद में पेश किया जाएगा
एक देश, एक चुनाव महिला आरक्षण विधेयकयूनिफॉर्म सिविल कोड केंद्र सरकार ने संसद के विशेष सत्र की घोषणा की है। इसके बाद चर्चा हो रही है कि आखिर सरकार ने यह कदम क्यों उठाया? विपक्ष कह रहा है कि सरकार डर गई है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह भी सरकार का मास्टर स्ट्रोक है।
बता दें, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे विपक्षी नेता पहले ही दावा कर चुके हैं कि एनडीए सरकार लोकसभा चुनाव समय से पहले करा सकती है।विपक्ष एक तरफ यह भी कह रहा है कि सरकार डरी हुई है, लेकिन वो सभी चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर सरकार का साथ देगा, इस पर संशय है।
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