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IANS के ताजा सर्वे ने लगाई मोहर,18 साल बाद भी शिवराज सिंह जनप्रिय नेता, प्रदेश की राजनीति का सबसे भरोसेमंद चेहरा बने



शिवराज सिंह के खिलाफ 18 साल में भी एंटीइंकम्बैंसी न होना 
शोध का विषय 

भोपाल: 15 सितम्बर | मध्यप्रदेश में जनता के भरोसे का चेहरा अब भी शिवराज सिंह चौहान ही हैं। 18 साल तक लगातार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद जनप्रिय बने रहना अपने आप में बड़ी बात है। शिवराज सिर्फ भाजपा के ही सबसे बड़ा चेहरा नहीं हैं, बल्कि वे पूरे प्रदेश की राजनीति का सबसे भरोसेमंद चेहरा बने हुए हैं। मध्य्प्रदेश चुनाव को लेकर हुए आईएएनएस के ताजा सर्वे ने भी इसी बात पर मोहर लगाई। 18 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद एंटी इंकम्बैंसी न होना राजनीति विज्ञान के छात्रों के लिए शोध का विषय भी हो सकता है। 

देश की राजनीति में लगातार इतने सालों तक मुख्यमंत्री रहने में शिवराज से आगे सिर्फ उड़ीसा के नवीन पटनायक हैं। 2023 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा के पोस्टर बॉय शिवराज ही है। मामाजी की लोकप्रियता जनआशीर्वाद यात्रा से लेकर छोटे छोटे सम्मेलन तक में देखी जा सकती है। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक भी यही मानते हैं कि वोट शिवराज के चेहरे पर ही भाजपा को मिलेगा। 

शिवराज की कमलनाथ से तुलना संभव नहीं 

शिवराज और कांग्रेस के कमलनाथ की तुलना पर राजनीतिक लेखक नितिन शर्मा का कहना है कि दोनों की कोई तुलना नहीं। ये संभव भी नहीं। कमलनाथ एक बड़े नेता जरूर है पर वे जननेता नहीं बन सके। उनकी तासीर भी नहीं है। वे ये भी कहते हैं कि शिवराज ने 18 साल सरकार चलाई। कमलनाथ 18 महीने सत्ता नहीं संभाल सके।  ये दोनों की कार्यशैली के अंतर को साफ़ दर्शाता है। 

विधायकों से नाराजगी, शिवराज पसंद 

सर्वे में जो सबसे दिलचस्प बात सामने आई वो ये है कि एंटी इंकम्बैंसी है, पर वो शिवराज के खिलाफ नहीं।  भाजपा के कुछ विधायकों के प्रति है। जनता ये मानती है कि शिवराज तो अच्छे हैं। भाजपा ऐसे विधायकों की सूची बनाकर उनके टिकट पर विचार कर ही रही है। शिवराज भी अपनी सभाओं में ये कहकर कि -अपने भाई  भरोसा रखना। जनता के नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। 

सबको साधने की कला 

शिवराज सिंह चौहान जनता में जितने लोकप्रिय हैं। वे अपने विधायकों और विपरीत विचारधारा वालों से सामंजस्य बनाने में भी माहिर है। सिंधिया गट के साथ  कांग्रेस से आये विधायकों को भी उन्होंने बखूबी साधा। अपने सरल व्यवहार से उनको भी अपना मुरीद कर लिया। सिंधिया गट के कई मंत्री शिवराज की तारीफ़  करते और उनके साथ कंधे-कंधे मिलाकर चलते हुए दिखते हैं।

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