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MP : BJP ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को मैदान में उतारा, ग्वालियर-चंबल, मालवांचल और महाकोशल को भी साधा

 

# सुनील सिंह 

भोपाल : 26 सितम्बर | मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी सभी पार्टीया जोरशोर से कर रही है     भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची में दिग्गजों के नाम शामिल कर न केवल चौंकाया है,बल्कि दूसरी सूची में जो नाम सामने आये है वह कांग्रेस के लिए चिंता की वजह बन गये है

 बीजेपी ने तीन केन्द्रीय मंत्रियो और चार सांसदों को विधानसभा का प्रत्याशी बनाया है उससे साफ हो गया है की बीजेपी किसी भी सूरत में चुनाव जितना चाहती है इसी लिए भाजपा ने बड़े नेताओ की मैदान में उतार दिया है 

 भाजपा ने इन दिग्गजों को मैदान में उतारकर जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण भी साधने की कोशिश की है।ग्वालियर-चंबल संभाग से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मैदान में है, मालवांचल से कैलाश विजयवर्गीय तो महाकोशल में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और राकेश सिंह है, वही फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी वर्ग को साधने के लिए सर्वश्रेष्ठ नाम है। 

इन दिग्गजों के सामने कांग्रेस को दमदार प्रत्याशी उतारना पड़ेगा या जो प्रत्याशी होंगा उसका चुनाव जितना आसान नही होंगा वही भाजपा की इस सूची के आने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओ में जो अंतर्कलह का माहोल था वह छट गया सा लगता है,सभी एकजुट होकर पार्टी के लिए काम करेंगे और भाजपा के विजयरथ को आगे बढ़ायेंगे।  

उधर, दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारने से भाजपा में भी भावी मुख्यमंत्री को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। पार्टी ने इसके जरिए एंटी इनकमबेंसी को तो साध लिया है ।    

ज्ञात हो भाजपा ने अभी आगामी मुख्यमंत्री के नाम का एलान नही किया है पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चहेरा सामने रखे हुए है। मुख्यमंत्री के बदलने की बातों के जब कयास लगाये जाते है तो इन सभी दिग्गजों का नाम चर्चा में जरूर रहते है वही भाजपा के क्षेत्रीय कार्यकर्ता व समर्थक अपने अपने नेताओ को भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखते है।  

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में यह स्पष्ट कर दिया था कि मप्र में भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए बिना चुनाव लड़ेगी।

ग्वालियर-चंबल संभाग तोमर के हाथ -  दिग्गज नेताओं को उतार कर भाजपा ने चुनाव से करीब दो महीने पहले ही कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय कर दिया है। माना जा रहा है कि वरिष्ठ नेताओं के मैदान में होने से टिकट के लिए असंतोष की गुंजाइश भी नहीं रह जाएगी। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मैदान में होने से ग्वालियर-चंबल संभाग में पार्टी के लिए बड़ी चुनौती से निपटना आसान होगा। यहां तोमर के मुकाबले कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं है।

मालवांचल और महाकोशल को साधा -  कैलाश विजयवर्गीय के होने से मालवांचल को लाभ मिलेगा। इंदौर और आसपास की सीटों पर विजयवर्गीय का करीब दो दशक से प्रभाव माना जा रहा है। 

महाकोशल में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और राकेश सिंह का प्रभाव कारगर साबित हो सकता है। पटेल अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं और ओबीसी वर्ग के बड़े नेता हैं।

 जबलपुर से सांसद राकेश सिंह लोकसभा में पार्टी की ओर से सबसे लंबे समय तक सचेतक रहने के साथ महाकोशल में भाजपा को मजबूत बनाया है।

आदिवासी वर्ग को साधने की कोशिस - फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी वर्ग को साधने के लिए सबसे बड़ा नाम है, वहीं लाल सिंह आर्य पार्टी के दलित वर्ग का बड़ा चेहरा हैं। उन्हें अनुसूचित जाति मोर्चे का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर बड़ा दायित्व दिया गया था। उन्हें भिंड जिले की गोहद विधानसभा से प्रत्याशी बनाकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में संदेश देने का काम किया गया है।

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