भोपाल: प्रदेश में पांचवीं बार सरकार बनाने के प्रयास में जुटी भाजपा को विधानसभा चुनाव (मिशन-2023) में महिलाओं से अधिक आशाएं हैं। पार्टी की एक अध्ययन रिपोर्ट में पता चला है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं और युवतियों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। एक करोड़ 25 लाख वाले लाड़ली बहनों के नए परिवार ने शिवराज की छवि को और निखारा है। इससे उत्साहित पार्टी की तैयारी है कि वह शिवराज सिंह के ‘मामा-भांजी और बहना’ के रिश्ते को इस चुनाव में भुनाएगी। भांजियों को इसलिए शामिल किया गया क्योंकि लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ उठा चुकीं हजारों युवतियां इस बार मतदान करेंगी।
इस रिपोर्ट को आधार मानकर पार्टी महिलाओं के अधिकतम वोट पाने की रणनीति बना रही है। चुनाव में भाजपा विशेष फोकस महिला वोटबैंक पर करेगी। पार्टी ने हाल में शिवराज सरकार की लोकप्रियता को लेकर एक सर्वे करवाया, जिसमें पता चला कि शिवराज सरकार की लोकप्रियता पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है,वह भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में सर्वाधिक।
मिशन-2023 को लेकर भाजपा की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में चुनाव की कमान संभाली हुई है। पार्टी ने इस बार क्षेत्रीय स्तर के नेताओं को आगे करने का मन बनाया है इसलिए सामूहिक जिम्मेदारी में नेताओं की लोकप्रियता का भी परीक्षण करवाया है। इसमें भी पार्टी को महिलाओं से ही बेहतर मदद मिलने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर सर्वे करवाकर यह जानने की कोशिश की कि आम जनता के बीच भाजपा सरकार और खासतौर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि कैसी है।
इसकी रिपोर्ट में महिलाओं के बीच सरकार की अधिक लोकप्रियता की बात सामने आने से भाजपा खुश है। पार्टी नेताओं का मानना है कि आधी आबादी वाले इस वोटबैंक के डगमगाने के आसार नहीं हैं, बाकी स्थितियों में भी सुधार हो रहा है। इधर, भाजपा ने कांग्रेस नेताओं की भी स्थिति जानने का प्रयास किया। इसमें बताया गया कि महिलाओं का भरोसा कांग्रेस नेताओं के प्रति कम है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि प्रदेश की लाड़ली बहना और अन्य महिला केंद्रित योजनाओं के कारण ही शिवराज की लोकप्रियता का ग्राफ ऊंचा है। भाजपा की सरकार के महिलाओं के बीच ज्यादा लोकप्रिय होने की मुख्य वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरल-सहज छवि है।
खासतौर से उनके द्वारा महिलाओं से भाई यानी उनके बच्चों के मामा का जो रिश्ता बनाया है, उसने ग्रामीण महिलाओं में मुख्यमंत्री की छवि की अमिट छाप बनाई है। महिलाएं मुख्यमंत्री को आम जनता के बीच का आदमी मानती हैं। लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के साथ शिवराज सिंह की छवि बनाने में राज्य सरकार की महिलाओं के लिए बनाई गई अन्य कल्याणकारी योजनाओं का भी अहम रोल है।
महिलाओं के बीच कन्यादान, जननी योजना, महिला मजदूरों को प्रसव पर आर्थिक सहायता, छात्राओं को मुफ्त साइकिल और स्कूल ड्रेस, छात्रवृत्ति, मेधावी छात्र योजना, बुजुर्ग महिलाओं को तीर्थदर्शन योजना आदि लोकप्रिय हैं। इनके चलते शिवराज सिंह को महिलाओं ने मामा के रूप में पहचान दी।
भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि पिछले 18 सालों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मध्य प्रदेश को केवल बीमारू राज्य की श्रेणी से निकालकर विकासशील राज्य में तब्दील ही नहीं किया है बल्कि उनकी योजनाओं से प्रदेश के आम आदमी के जीवन स्तर में बदलाव भी आया है। मुख्यमंत्री ने सामाजिक, राजनीतिक ही नहीं पारिवारिक रिश्ते भी बनाए हैं। ये रिश्ते संवेदना और भरोसे के साथ बने हैं। यह भरोसा भाई-बहन, मामा-भांजे,भांजी के रूप में अलग- अलग प्रकार से प्रकट भी होता है। उन्होंने मध्य प्रदेश को परिवार के रूप में माना है।
स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण से दो लाख से अधिक महिलाएं चुनकर आईं। इनमें स्व-सहायता समूहों की 17 हजार से अधिक महिलाएं जीतीं।- चार लाख 50 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों से 53 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ीं।- प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बने 52 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में बने 70 प्रतिशत से अधिक घरों का मालिकाना हक महिलाओं को दिया गया।- आहार अनुदान योजना- बैगा, सहरिया, भारिया परिवारों की महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से 300 करोड़ प्रतिवर्ष की सहायता दी गई है। अब तक 1460 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है।-प्रदेश में 60, 460 ग्रामों और नगरीय वार्डों में लाड़ली बहना सेना का गठन किया जा चुका है।
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