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कांग्रेस का आदिवासी कार्ड, कांतिलाल भूरिया को चुनाव अभियान समिति की कमान


भोपाल। नवंबर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को गति देने के लिए कांग्रेस ने चुनाव से संबंधित समितियों का गठन कर दिया है। आदिवासी कार्ड खेलते हुए चुनाव अभियान समिति की कमान आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को सौंपी गई है। साथ ही समिति में अन्य आदिवासी नेताओं को भी स्थान दिया है। वहीं, चुनाव समिति के अध्यक्ष कमल नाथ रहेंगे। दोनों समितियों में क्षेत्रीय और गुटीय संतुलन को साधने के साथ वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है।


प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधानसभा सीटें आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं। 30 अन्य सीटों पर आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी मतदाताओं का साथ कांग्रेस को मिला था और सुरक्षित सीटों में से 30 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं।


इसके कारण 15 वर्ष बाद पार्टी की सत्ता में वापसी हुई थी। इस वोटबैंक का साथ बरकरार रखने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है। आदिवासी स्वाभिमान यात्रा और सामाजिक संगठनों के माध्यम से अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचाने में जुटी है।


वहीं, भाजपा ने भी आदिवासी वोटबैंक को अपने पक्ष में करने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले दिनों आदिवासी बहुल शहडोल में आदिवासियों से संवाद कर चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सतना में कोल महाकुंभ में शामिल हुए थे।


शिवराज सरकार ने आदिवासियों के हित में कई कदम उठाए हैं। दरअसल, दोनों ही दल अच्छी तरह से जानते हैं कि सत्ता की चाबी आदिवासियों के हाथ में है इसलिए इन्हें साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति की कमान आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को देने के साथ बाला बच्चन, ओमकार सिंह मरकाम और सुरेंद्र सिंह बघेल को सदस्य बनाया है। हालांकि, वरिष्ठ नेता उमंग सिंघार को दोनों समितियों में स्थान नहीं मिला।


क्षेत्रीय संतुलन साधा

चुनाव अभियान और चुनाव समिति के माध्यम से कांग्रेस ने क्षेत्रीय संतुलन साधने का काम किया है। विंध्य क्षेत्र से अजय सिंह, राजेंद्र सिंह, राजमणि पटेल, कमलेश्वर पटेल को दोनों समितियों में रखा गया है। महाकोशल से विवेक तन्खा, तरुण भनोत, हिना कांवरे, नकुल नाथ, एनपी प्रजापति, ओमकार सिंह मरकाम और सुखदेव पांसे सदस्य बनाए गए हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र को तुलनात्मक रूप से सबसे कम प्रतिनिधित्व मिला है। यहां से केवल सुरेंद्र चौधरी को अभियान समिति में रखा है। मालवा-निमाड़ से अरुण यादव, बाला बच्चन, विजयलक्ष्मी साधौ, जीतू पटवारी, शोभा ओझा सहित अन्य को स्थान मिला है तो ग्वालियर-चंबल से डा.गोविंद सिंह, अशोक सिंह, रामनिवास रावत, लाखन सिंह यादव, केपी सिंह, लक्ष्मण सिंह को समितियों में सम्मिलित किया है। मध्य क्षेत्र से सुरेश पचौरी और आरिफ मसूद दोनों समितियों के सदस्य हैं।



चुनाव अभियान समिति


चुनाव अभियान समिति में अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, नकुल नाथ, सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, केपी सिंह, लक्ष्मण सिंह, बाला बच्चन, तरुण भनोत, ओमकार मरकाम, विजयलक्ष्मी साधौ, राजेंद्र सिंह, हिना कांवरे, लाखन सिंह यादव, सुखदेव पांसे, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, सुरेंद्र सिंह बघेल हनी, रामनिवास रावत, सुरेंद्र चौधरी, आरिफ मसूद, महेंद्र जोशी, शोभा ओझा, अशोक सिंह, राजीव सिंह, महिला, युवा, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन, सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष और अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के अध्यक्ष।


चुनाव समिति


चुनाव समिति के अध्यक्ष कमल नाथ के अलावा नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, अजय सिंह, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, नकुल नाथ, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ, तरुण भनोत, ओमकार मरकाम, सुखदेव पांसे, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, आरिफ मसूद सहित महिला, युवा, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन, सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष।

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