भोपाल :30 जुलाई | साल 2010 में 13 देशों ने मिलकर हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का फैसला किया। दरअसल, दुनिया में बाघों की संख्या को लेकर सभी देश चिंतित थे, जिसके बाद इसकी घोषणा की गई।
जहां पूरी दुनिया में बाघों की संख्या पर खतरा मंडरा रहा है, वहां, मध्य प्रदेश के लिए यह खुशी का पल है।अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस यानी 29 जुलाई (शनिवार) को ने राज्यवार बाघों की संख्या जारी की है।
इसमें देखा गया कि राज्य में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। बाघों की गिनती के बाद जो आंकड़े जारी हुए, उसमें मध्य प्रदेश देश में सर्वाधिक बाघ की आबादी वाला राज्य बन गया है।
इस मौके पर भोपाल में हुए एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह मध्य प्रदेश के लिए बहुत गर्व का दिन है। साथ ही कहा कि राज्य एक बार फिर से टाइगर प्रदेश बन गया है।
सीएम शिवराज ने कहा कि चार साल पहले जब मध्य प्रदेश में टाइगर की गणना हुई थी, उस समय यहां सिर्फ 526 टाइगर थे, हालांकि, ये संख्या बढ़कर अब 785 हो गई है।सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर सभी को बधाई भी दी।
उन्होंने कहा, "बधाई वनरक्षक, वनपाल, महावत, जो वन्यजीवों के बीच रहकर उनकी सुरक्षा कर रहे हैं। उनका अभिनंदन, उनके बगैर यह संभव नहीं था।"हम बाघ, तेंदुआ, घड़ियाल, गिद्ध में भी नंबर एक हैं। प्रदेश की नौ करोड़ जनता का आभार। चीतों को बचाने के लिए हम गांधी सागर तैयार कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश और भारत सरकार की टीम कोशिश कर रही है कि चीतों को पुनर्स्थापित किया जा सकें।पूरी दुनिया चिंतित थी कि बाघों की संख्या कैसे बढ़ेगी, दोगुना करने का टारगेट था, लेकिन हमने तीन गुना बढ़ा दिया।
टाइगर का पुनर्स्थापन कोई आसान काम नहीं है, लेकिन ये काम हमने अपने हाथ में लिया और आज हम "टाइगर स्टेट" हैं।इस उपलब्धि में जितने भी साथी शामिल हैं, मैं उन सभी को हृदय से बधाई और धन्यवाद देता हूं।
मध्यप्रदेश ने को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वानिकी के क्षेत्र में हम देश में सर्वोपरि हैं।हम टाइगर स्टेट के साथ ही तेंदुआ और घड़ियाल स्टेट भी हैं।सरकार द्वारा जारी बाघों नई गणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 785 तक पहुंच गई है।
बाघों पर सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। बाघों की संख्या के मामले में कर्नाटक दूसरे स्थान पर है, जहां वर्तमान में कुल 563 बाघ हैं।
वहीं, देवों की भूमि उत्तराखंड में बाघों की संख्या 384 है, जिसके मुताबिक यह तीसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र बाघों के मामलों में चौथे स्थान पर है, वर्तमान में यहां 444 बाघ हैं।
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