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प्रधानमंत्री को बहुत पसंद आया शहडोल के महुआ का मालपुआ


शहडोल/ प्रधानमंत्री का एक जुलाई को शहडोल में दौरा हुआ। इस दौरान वे पकरिया गांव में आदिवासियों के बीच काफी देर तक रुके और वही देशी भोजन किया जिसे वर्षो से आदिवासी समाज के लोग खाते आ रहे हैं। आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह की दीदियों के द्वारा प्रधानमंत्री के लिए भोजन तैयार किया गया था, जिसमें महुआ का मालपुआ भी बनाया गया था। प्रधानमंत्री को महुआ का मालपुआ बहुत पंसद आया।


आज मैने दो रोटी अधिक खाया

प्रधानमंत्री ने इस बारे में रेखा दीदी से बात करते हुए कहा कि महुआ मालपुआ बहुत अच्छा है। दो पीस मालपुआ खाने के बाद उन्होंने इसकी खूब प्रशंसा की। इसके साथ उन्हें पूरा भोजन पंसद आया और प्रसन्नता के साथ भोजन करने बाद उन्होंने दीदियों से कहा कि भोजन बहुत अच्छा बना था,आज मैने दो रोटी अधिक खाया है।


प्रधानमंत्री ने शरबत भी पी और तारीफ की

दीदी से शरबत के बारे में पूछा कि ये कौन-कौन से शरबत है और कैसे बनाया है। इसके बाद शरबत भी पिया। थोड़ा-थोड़ा सभी देशी व्यंजनों का स्वाद लेने के बाद महुआ मालपुआ खाने के बाद उनका मन प्रसन्न हो गया, जिसकी उन्होंने खुलकर तारीफ की और कहा फिर कभी मौका मिलेगा तो खाएंगे।


इन देसी व्यंजनों को प्रधानमंत्री ने चखा

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने पकरिया में बाजरे का सूप, बेल शरबत,आम का पना, रोजलेटा पत्ती का ड्रिंक, सलाद पापड़ और जामुन का स्वाद चखा। चावल,ज्वार की रोजी,उड़द की दाल,भुंजी तुअरदाल, कोदो की खीर, इंद्रहर की कड़ी, चाैराई भाजी, लाल भाजी,अमरुद की चटनी, हल्दी का आचार, कुटकी की खीर, महुआ का मालपुआ तैयार किया गया था। इन सभी का स्वाद प्रधानमंत्री ने चखा और दीदीयों की जमकर तारीफ किया।आजीविका मिशन के प्रबंधक वविष्णुकांत विश्वकर्मा ने बताया की दीदीयों ने अपने हाथ से भोजन बनकर प्रधानमंत्री को खिलाया है और कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री को शहडोल के देशी व्यजन खूब प्रसंद आए।

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