....

संकष्टी चतुर्थी 6 जुलाई को, सावन माह में इन मंत्रों का करें जाप


हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। सावन माह आने वाली  संकष्टी चतुर्थी को भी विधि विधान के साथ पूजा करने से पुण्य फल मिलता है। सावन माह की  संकष्टी चतुर्थी 6 जुलाई को है। इसे गजानन संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भगवान भोलेनाथ भी प्रसन्न होते हैं।

संकष्टी चतुर्थी को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से जातक के जीवन में समस्त प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और धन का आगमन होता है। अगर आप भी भगवान गणेश को प्रसन्न कर उनकी कृपा-दृष्टि पाना चाहते हैं तो सावन संकष्टी चतुर्थी  के दिन पूजा पाठ के दौरान इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।

गणेश मंत्र

ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥


गणेश बीज मंत्र

ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।


गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥


संकट नाशक मंत्र

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।


नौकरी प्राप्ति हेतु मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।


ऋण दूर करने हेतु मंत्र

“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर

वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।”


धन प्राप्ति हेतु मंत्र

गणपति मंत्र: श्रीं गं सौम्याय गणपतये

वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय स्वाहा


लक्ष्मी गणेश ध्यान मंत्र

दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥

Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment