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BJP की नई केंद्रीय टीम में तारिक मंसूर और अब्दुल्ला कुट्टी बने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पसमांदा मुसलमान पर फोकस

 


नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी की नई टीम की घोषणा शनिवार को हुई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से जिस टीम की घोषणा की गई उसमें 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, 8 राष्ट्रीय महामंत्री, एक राष्ट्रीय महामंत्री संगठन, एक राष्ट्रीय सह संगठन, कोषाध्यक्ष और सह कोषाध्यक्ष और 13 राष्ट्रीय सचिव के नामों का ऐलान किया गया। 

नड्डा की टीम में चुनावी राज्यों को साधने की कोशिश की गई है। नई टीम में सबसे अधिक चर्चा यूपी से आने वाले तारिक मंसूर की हो रही है जिन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही केरल से आने वाले अब्दुल्ला कुट्टी को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है।

 हालांकि अब्दुल्ला कुट्टी पहले से ही इस पद पर थे। 2024 के चुनाव से पहले पार्टी की ओर से यह संकेत है कि आने वाले चुनाव में बीजेपी इस बार कुछ अलग करने वाली है। पसमांदा मुसलमानों तक पार्टी अपनी पहुंच बनाने में जुटी है।

 नई टीम में जगह पाए तारिक मंसूर भी पसमांदा मुसलमान हैं। पिछले दिनों जब यह चर्चा हुई कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है तो क्या यह उस ओर संकेत है।

अब्दुल्ला कुट्टी शुरू से बीजेपी में नहीं रहे। पहले वामदल और फिर कांग्रेस में रहे लेकिन पीएम मोदी की तारीफ के बाद दोनों जगहों से उन्हें निष्कासित कर दिया गया। जून 2019 में वह बीजेपी में शामिल हुए। उन्हें पहले केरल बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया गया उसके बाद 2020 में कुट्टी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।

 पार्टी की ओर से एक बार फिर उन पर भरोसा जताया गया है। बीजेपी की नई टीम में पार्टी के मुस्लिम चेहरे के तौर पर तारिक मंसूर को जगह मिली है। फिलहाल वह बीजेपी के विधान परिषद के सदस्य हैं। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी रह चुके हैं।

 तारिक मंसूर पसमांदा मुसलमान हैं। बीजेपी के साथ ही देश के प्रधानमंत्री भी पसमांदा मुसलमानों का जिक्र कर चुके हैं।पसमांदा मुसलमानों को लेकर बीजेपी काफी समय से रणनीति तैयार कर रही है। UP निकाय चुनाव में बीजेपी ने एक प्रयोग किया था जो काफी हद तक सफल भी रहा।

 यूपी निकाय चुनाव में पहली बार सबसे अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को बीजेपी ने टिकट दिया। 400 के करीब मुस्लिम उम्मीदवारों में से 60 से अधिक चुनाव जीत गए। कुछ समय पहले रामपुर की स्वार सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने मुस्लिम कैंडिटेट उतारा जिसकी जीत हुई।

 पसमांदा समुदाय से आने वाले दानिश अंसारी को यूपी में मंत्री बनाया गया। पसमांदा मुसलमानों को लेकर जो तैयारी चल रही थी फॉर्मूले का यूपी निकाय चुनाव में टेस्ट था और एक कदम आगे बढ़कर पार्टी इसे लोकसभा चुनाव में भी आजमा सकती है।लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी अलग-अलग रणनीति पर काम कर रही है। 

इस बार माना जा रहा है कि बीजेपी पहले के मुकाबले अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। हाल ही में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा का कहना था कि करीब 66 सीटें हैं जहां पार्टी मुस्लिम उम्मीदवारों को उतार सकती है। अभी चुनाव में वक्त है लेकिन बीजेपी की जो नई टीम बनी है उससे इस ओर संकेत मिलते हैं कि पार्टी इस चुनाव में कुछ अलग करने वाली है।


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