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सावन के दूसरे सोमवार पर चार दुर्लभ संयोग, पूजा करते समय दें विशेष ध्यान

पवित्र सावन माह का आज दूसरा सोमवार है। श्रावण सोमवार पर इस बार चार दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, इस कारण विद्वानों के अनुसार इस सोमवार को भगवान भोलेनाथ की आराधना चार गुना लाभ पहुंचाएगी। इस बार सावन के दूसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या तिथि हो रही है।

सोमवार को जब भी अमावस होती है, तो इसे बेहद शुभ माना जाता है। श्रद्धालु इस दिन तीर्थो, संगम तटों पर पहुंचकर डुबकी लगाते हैं और उन क्षेत्रों में स्थित मंदिरों में पहुंचकर पूजन दर्शन लाभ आदि लेते हैं। सोमवती अमावस्या का आरंभ 17 तारीख को सुबह 10 बजकर 9 मिनट से होगा। यह रात में 12 बजकर 2 मिनट तक रहेगी।

सावन के दूसरे सोमवार को सूर्य देव कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जिससे इस दिन कर्क संक्रांति भी है। सावन के दूसरे सोमवार के दिन हरियाली अमावस्या का योग भी बन रहा है। इस दिन पितरों की पूजा करने का विधान है, ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन वृक्ष भी लगाने चाहिए।


सावन सोमवार पर शिव पूजा का विशेष विधान

मान्यताओं के अनुसार सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन किया पूजा पाठ निष्फल नहीं होता है। अगर किसी व्यक्ति के विवाह में बाधा आ रही है और उसके विवाह का योग नहीं बन रहा हैं, तो सावन के सोमवार भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव का अभिषेक और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान जरूर अर्पित करना चाहिए।

किसी व्यक्ति के जीवन में आर्थिक परेशानियां चल रही हैं, तो उनके लिए भी सावन सोमवार पूजा उत्तम फलदायी रहती है। भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।


शहर के इन मंदिरों में विशेष रूप से उमड़ेंगे श्रद्धालु

वैसे तो जिलेभर में भगवान शिव के भक्त शिवालयों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का शास्त्रोक्त और अपनी श्रद्धा, सामर्थ्य और समझ के अनुसार पूजा-अर्चना करेगें। जिला मुख्यालय पर स्थित शिव मंदिरों में भी शिव-भक्त बड़ी संख्या में पहुंचेगें। शहर के तार वाले बालाजी मंदिर, राज-राजेश्वर मंदिर, हजारेश्वर महादेव मंदिर, त्रिदेव मंदिर, चिंता हरण मंदिर, सराफा बाजार स्थित बड़ मंदिर, शिव गौरी मंदिर आदि में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेगें।

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