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शेयर बाजार में गिरावट



मुंबई, वैश्विक स्तर से मिले सकारात्मक संकेतों के बावजूद घरेलू स्तर ऑटो सहित अधिकांश प्रमुख समूहों में हुयी मुनाफावसूली के कारण आज शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुआ।बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 413.24 अंक फिसलकर 62 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 61932.47 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 112.35 अंक गिरकर 18286.50 अंक पर आ गया। इस दौरान हालांकि मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली का रूख बना रहा जिससे बीएसई का मिडकैप 0.18 प्रतिशत बढ़कर 26371.28 अंक पर और स्मॉलकैप 0.12 प्रतिशत उठकर 29798.94 अंक पर रहा।बीएसई में शामिल समूहों में 14 समूह गिरावट में रहा। इसमें ऑटो में सबसे अधिक 0.97 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। बढ़त में रहने वाले समूहों में इंडस्ट्रियल 0.34 प्रतिशत, आईटी 0.18 प्रतिशत, टेलीकम्युनिकेशंस 0.14 प्रतिशत और सीजी 0.19 प्रतिशत शामिल है।बीएसई में कुल 3659 कंपनियों में कारोबार हुआ जिसमें से 1842 बढ़त में और 1683 गिरावट में रही जबकि 134 में कोई बदलाव नहीं हुआ।वैश्विक स्तर पर चीन के शंघाई कंपोजिट के 0.60 प्रतिशत गिरने को छोड़कर शेष सभी प्रमुख सूचकांकों में तेजी रही जिसमें ब्रिटेन का एफटीएसई 0.14 प्रतिशत, जर्मनी का डैक्स 0.42 प्रतिशत, जापान का निक्केई 0.73 प्रतिशत और हांगकांग का हैंगसेंग 0.04 प्रतिशत शामिल है। बीएसई के सेंसेक्स के पांच महीने के उच्चतम स्तम स्तर पर पहुंचने पर आज इसमें मुनाफावसूली देखी गयी। हालांकि सुबह में 130 अंकों की बढ़त के साथ 62474.11 अंक पर मजबूत शुरूआत हुयी लेकिन इसके बाद बिकवाली शुरू हो गयी। सत्र के शुरू में ही यह 62474.95 अंक के उच्चतम स्तर तक चढ़ा। इसके बाद शुरू हुयी बिकवाली के दबाव में यह 62 हजार अंक से नीचे 61847.41 अंक के निचले स्तर तक उतरा। अंत में यह पिछले दिवस के 62345.71 अंक की तुलना में 0.66 प्रतिशत अर्थात 413.24 अंक फिसलकर 61932.47 अंक पर रहा।सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से 16 लाल निशान में रही जबकि 14 हरे निशान में दिखी।एनएसई का निफ्टी 34 अंकों की बढ़त के साथ 18432.35 अंक पर खुला और यही इसका दिवस का उच्चतम स्तर भी रहा। सत्र के दौरान यह 18264.35 अंक के निचले स्तर तक भी उतरा। अंत में यह पिछले दिवस के 18398.85 अंक की तुलना में 0.61 प्रतिशत अर्थात 112.35 अंक गिरकर 18286.50 अंक पर रहा।निफ्टी में शामिल 50 कंपनियों में से 33 को नुकसान उठाना पड़ा जबकि 17 कंपनियां हरे निशान में रही।

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