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बेटे का ठिकाना नहीं, बेटी की गारंटी लेता हूँ: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान


भोपाल, प्रदेश के इतिहास में महिला सशक्तिकरण के लिए चल रही सामाजिक क्रांति में सरकार को लाड़ली बहनों द्वारा मिल रहे अपार जन-समर्थन से मैं अभिभूत हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा सभी के सहयोग से हम एक नया आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाएंगे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गौरवशाली, वैभवशाली और सशक्त, आत्म-निर्भर भारत की परिकल्पना के अनुरूप होगा। लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्या विवाह, संबल योजनाओं के बाद अब लाड़ली बहना योजना इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।


मुख्यमंत्री चौहान आज शाजापुर जिले के शुजालपुर में लाड़ली बहना महासम्मेलन में विशाल जन-समुदाय को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने 118 करोड़ 68 लाख रूपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन और विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने प्रारंभ में कन्या-पूजन और कलश पूजन किया। शाजापुर जिला प्रशासन की "शाजापुर जनदर्शन" पुस्तिका का विमोचन भी किया। बहनों ने अपने लाड़ले भैया को राखी बांधी और तिलक किया। कार्यक्रम में लाड़ली बहना गान भी गाया गया।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं बचपन से बेटे-बेटी में भेदभाव देखता आया हूँ, जिस बेटे को माँ-बाप बुढ़ापे की लाठी समझते हैं, उसका तो ठिकाना नहीं, परंतु मैं बेटी की गारंटी लेता हूँ कि उसकी जब तक साँस चलती है वह अपने माँ-बाप को नहीं भूलती। जब मैं राजनीति में आया तभी मैंने प्रण लिया कि बेटी को मैं वरदान बनाऊँगा और आज तक उनके लिए निरंतर कार्य कर रहा हूँ।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बहनों के सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में बेटियों की स्थिति अच्छी नहीं थी, 1000 बेटों पर केवल 900 बेटी पैदा होती थी। जब मैं वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बना, तब मैंने लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई। योजना में गरीब परिवार को दो बेटियों तक 30 रूपये हजार का बचत-पत्र सरकार देती है। इसके अलावा उन्हें समय-समय पर पढ़ाई के लिए राशि और 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर एकमुश्त एक लाख रूपये मिलते हैं। बेटियों को कॉलेज में प्रवेश लेते समय 12 हजार 500 और डिग्री प्राप्त करने पर 12 हजार 500 रूपये दिए जाते हैं। उनकी उच्च शिक्षा की फीस भी सरकार भरती है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैंने संकल्प लिया कि हर गरीब बिटिया की शादी सरकार करवाएगी और इसके लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना बनाई गई। संबल योजना में भी बहनों को प्रसूति के पहले 4 हजार और उसके बाद 12 हजार रूपये की राशि प्रदान किये जाते हैं। बहनों को राजनीतिक रूप से सशक्त करने के लिए पंचायत और नगरीय निकायों में उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। पुलिस की भर्ती में बहनों को 30 प्रतिशत और शिक्षकों की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। रजिस्ट्री के स्टांप शुल्क में भी बहनों को मात्र 1 प्रतिशत राशि देनी होती है।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहनों को सशक्त और आत्म-निर्भर बनाने में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना मील का पत्थर साबित होगी। योजना में बहनों को उनके खातों में 10 जून से 1000 की राशि दी जाएगी। ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आमदनी ढाई लाख रूपए से कम हो, 5 एकड़ से अधिक जमीन न हो, 4 पहिया वाहन न हो की 23 से 60 वर्ष तक की बहनों को योजना का लाभ मिलेगा। योजना के फॉर्म 30 अप्रैल तक भरे जा रहे हैं। इसके बाद भी यदि कोई नाम छूट जाता है तो उसे भी लाभ दिया जाएगा। इसके लिए हर बहन का बैंक में खाता होना अनिवार्य है। मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि हर बहन का नि:शुल्क केवाईसी करवाया जाए और और जिन बहनों का बैंक खाता न हो तुरंत खुलवाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति योजना का लाभ देने के लिए एक पैसा भी मांगता है तो उसे हथकड़ी लगा कर जेल भेजा जाएगा।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार बहन-बेटियों के सम्मान के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। प्रदेश में बहनों के प्रति दुराचार करने वालों को फाँसी की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 1 अप्रैल से सभी शराब के अहाते बंद कर दिए गए हैं। खुले में शराब पीना प्रतिबंधित है। इससे शराब की बिक्री में लगभग 25 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदेश में नशाबंदी के लिए नैतिक आंदोलन चलाया जा रहा है।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के इस अभियान में हर बहन अपने भैया का साथ दे। मैं प्रदेश की सभी बहनों का सगा भाई हूँ। मैं आपकी जिंदगी खुशियों से भरना चाहता हूँ। मेरा यह प्रयास है कि मेरी किसी भी बहन-बेटी की आँखों में आँसू न आए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर गाँव में लाड़ली बहना सेना बनाई जाए, जो लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन को तो देखे ही, साथ ही समाज-सुधार के कार्य भी करे।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देश की धरती पर कोई भी बच्चा अनाथ नहीं है। ऐसे सभी बच्चे जिनके माँ-बाप नहीं है वह राज्य के बच्चे हैं। उनके रहने, खाने-पीने, पढ़ाई आदि की पूरी व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शाजापुर जिले के कुछ गाँवों में अभी नर्मदा का पानी नहीं पहुँच पा रहा है। इसके लिए फिर से योजना बना कर प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने शाजापुर के राजराजेश्वरी मंदिर को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए 4 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की घोषणा की। उन्होंने शुजालपुर मंडी वैकल्पिक मार्ग, नगर में रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण और अंवतीपुर बड़ोदिया को नगर परिषद बनाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि जटाशंकर महादेव मंदिर का विकास 2 करोड़ रूपए की राशि से किया जाएगा। महाकाल मंदिर सुंदरसी के लिए भी राशि स्वीकृत की जाएगी।


स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि नेशनल अचीवमेंट सर्वे में मध्यप्रदेश देश में 17वें स्थान से छंलाग लगा कर 5वें स्थान पर आ गया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश में उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हैं। सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने भी संबोधन दिया। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव, मध्यप्रदेश मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष माखन सिंह, जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में लाड़ली बहनें और जन-सामान्य उपस्थित था।

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