कुछ वस्तुएं अथवा आदते घर में वास्तुदोष उत्पन्न करती हैं। जिससे परिवार में हानि और विपत्तियां आ जाती हैं। सभी चीजें अच्छी या बुरी ऊर्जा का स्त्रोत होती हैं। वास्तुशास्त्र में बहुत सारे ऐसे नियमों का पालन करने की हिदायतें दी गई हैं, जिनका पालन करने से परेशानियों का नाश हो जाता है।
मुख्य द्वार पर शू रैक खुला न रखें। शू रैक लगाने के लिए आदर्श दिशा पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोना है। इसे उत्तर, दक्षिण-पूर्व और पूर्व दिशाओं में न रखें।
उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए। इससे अच्छी नींद और आराम नहीं मिलेगा।
उत्तर और पूर्व दिशा में दरवाजे और खिड़कियां दक्षिण और पश्चिम दिशा से बड़ी होनी चाहिएं। आपको दक्षिण-पश्चिम दिशा में खिड़कियां रखने से भी बचना चाहिए।
दीवार की घड़िया हमेशा काम करने की स्थिति में होनी चाहिएं। इन्हें घर की पूर्व, पश्चिम और उत्तर की दीवार में लगाना चाहिए।
दक्षिण और पश्चिम की दीवारों के साथ भारी फर्नीचर रखें, जबकि हल्का फर्नीचर उत्तर और पूर्व की दीवारों के पास रखना चाहिए।
घर की नेम प्लेट साफ-सुथरी होनी चाहिए। यह रहने वालों की जीवनशैली भी बताता है।
घर में सुबह-शाम दीपक लगाएं, ऐसा करने से देवी-देवताओं की कृपा परिवार पर बनी रहेगी।
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