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उज्जैन-भोपाल पैसेंजर, जीआरपी के तीन जवानों ने पश्चिम बंगाल के यात्रियों को लूटा, केस दर्ज




उज्जैन। जीआरपी थाने में पदस्थ तीन आरक्षकों ने बुधवार रात को पश्चिम बंगाल के चार यात्रियों से 37 हजार रुपये लूट लिए। मामले में कुछ लोगों ने थाने पर जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपित आरक्षक के खिलाफ केस दर्ज किया है। तीनों को जीआरपी एसपी ने निलंबित कर दिया है। ये सभी फरार हैं।

जीआरपी ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के रहने वाले शेख अम्मर, ग्यासउद्दीन, शेख वाजिद तथा उमर खान बांकुरा में ही मदरसे में पढ़ाते हैं। रमजान माह में मदरसे का अवकाश होने के कारण चारों मदरसे के लिए चंदा एकत्र करने उज्जैन आए थे। यहां दो दिन तक उन्होंने चंदा एकत्र किया था। बुधवार रात को चारों उज्जैन-भोपाल पैसेंजर से भोपाल जा रहे थे।

प्लेटफार्म पर इन यात्रियों को जीआरपी के तीन आरक्षक सत्येंद्र जाट, धर्मेंद्र तथा शांतिलाल ने जांच के नाम पर रोका और उनके सामान की तलाशी ली। चारों के पास कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी। इसके बाद तीनों आरक्षकों ने चारों यात्रियों को धमकाया कि वह फर्जी रूप से चंदा एकत्र करने आए थे। चारों यात्रियों ने कहा कि वह फर्जी नहीं, उन्हें यहां के काजी ने अनुमति दी है कि वह चंदा एकत्र कर सकते हैं।

इसके बाद ही उन्होंने चंदा इकट्ठा किया था। चंदे की रसीदें भी लोगों को दी है। यात्रियों ने कहा कि उन्हें थाने ले जाकर इसकी पुष्टि कर सकते हैं। तीनों आरक्षक उन्हें थाने ले जाने लगे लेकिन बीच रास्ते में ही यह कहते हुए छोड़ दिया कि उनकी ट्रेन निकल रही है। वह जा सकते हैं। आरक्षकों के जाने के बाद जब यात्रियों ने अपना सामान चेक किया तो पर्स में रखे रुपए गायब थे। इसके बाद वह जीआरपी थाने पहुंचे थे। जहां पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। जिस पर उन्होंने राजीव केंद्र के अध्यक्ष अब्दुल हाशमी निवासी विवेकानंद तथा अन्य लोगों को फोन कर घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी थी। सूचना मिलने के बाद समाजजन जीआरपी थाने पर एकत्र हो गए और जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद जीआरपी के अन्य पुलिसकर्मी तीनों आरक्षकों को तलाश कर थाने लाए थे। तीनों के पास से यात्रियों के रुपये बरामद हो गए थे।



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