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महिला आरक्षण विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करे भाजपा

 महिला आरक्षण विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करे भाजपा

कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा से महिला आरक्षण विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा और मांग की कि इसे संसद के बजट सत्र के आगामी दूसरे भाग में लोकसभा में पेश किया जाए। कांग्रेस का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता 13 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे भाग में लंबे समय से लंबित विधेयक को पारित कराने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रही थीं।


9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था विधेयक

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, "9 मार्च 2010 को राज्यसभा में कांग्रेस नेतृत्व के प्रयासों के कारण ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया था, लेकिन इसे लोकसभा में समर्थन नहीं मिला। विधेयक व्यपगत नहीं हुआ है। यह जीवित है और लंबित है। इसे फिर से पारित होने से किसने रोका है?"

संवाददाता सम्मेलन में विधेयक के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि जब विधेयक राज्यसभा में पारित हुआ था, तब कांग्रेस के पास लोकसभा में बहुमत नहीं था और यह गठबंधन सरकार थी। उन्होंने कहा, "हम राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने में सफल रहे। यह जीवित है और भाजपा सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है। उन्होंने अपने 2019 के घोषणापत्र में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था और इससे पहले भी, लेकिन नौ साल सरकार में रहने के बाद भी इस पर चुप हैं।"

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