गुजरात के साळंगपुर में 54 फीट ऊंची कष्टभंजन हनुमान जी की प्रतिमा आनावरण होगा
अहमदाबाद से करीब डेढ सौ किमी दूर साळंगपुर हनुमान मंदिर परिसर में बनी 54 फीट ऊंची कष्टभंजन हनुमान जी की प्रतिमा। पंचधातू से निर्मित 30 हजार किलो वजनी इस प्रतिमा का 7 किमी दूर से दर्शन किया जा सकेगा। 6 करोड़ रु की लागत से बनी इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा आगामी 6 अप्रैल को होगी। कुंडलधाम के ज्ञानजीवनदास स्वामी के मार्गदर्शन में इसका निर्माण गुरुग्राम हरियाणा के मूर्तिकार नरेश कुमावत ने किया है। आचार्य राकेश प्रसाद महाराज वडताल बोर्ड के सहयोग से इसकी स्थापना होगी। कष्टभंजन हनुमान मंदिर की स्थापना विक्रम संवत 1905 में हुई थी। मंदिर का निर्माण सद्गुरु गोपालानंद स्वामी ने करवाया था। गुजरात में बोटाद जिले के साळंगपुर में विराजने वाले कष्टभंजन हनुमान यहां हनुमान दादा के नाम से पुकारे जाते हैं।
कष्टभंजन हनुमान मंदिर सारंगपुर के पीछे एक पौराणिक मान्यता जुड़ी है जिसमें बताया गया है कि कैसे हनुमान जी ने शनि प्रकोप से अपने भक्तों को यहां मुक्ति दिलाई थी। कहते हैं कि एक समय शनिदेव का प्रकोप काफी बढ़ गया था। इस कष्ट से बचने के लिए पृथ्वीवासियों ने हनुमानजी से प्रार्थना की।
भक्तों के कष्ट से क्रोधित होकर हनुमान जी, शनिदेव से युद्ध करने चल पड़े। जब शनिदेव को यह पता चला तो वे बहुत डर गए और बचने के लिए उपाय सोचने लगे। शनिदेव जानते थे कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे शरणागत स्त्री पर कभी हाथ नहीं उठा सकते, इसलिए उन्होंने स्त्री रूप धारण कर लिया।
भक्तों के कष्ट से क्रोधित होकर हनुमान जी, शनिदेव से युद्ध करने चल पड़े। जब शनिदेव को यह पता चला तो वे बहुत डर गए और बचने के लिए उपाय सोचने लगे। शनिदेव जानते थे कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे शरणागत स्त्री पर कभी हाथ नहीं उठा सकते, इसलिए उन्होंने स्त्री रूप धारण कर लिया।
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