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संभागायुक्त, आईजी, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक को कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने संबोधित किया

 मुख्यमंत्र चौहान ने कहा है कि प्रदेश के पुलिस प्रशासन पर हमें गर्व है। प्रदेश पर जब भी संकट आया पुलिस प्रशासन के साथियों ने दिन-रात एक कर काम किया और प्रदेशवासियों को राहत पहुँचाई। कोविड का कठिन दौर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमारे अधिकारी-कर्मचारियों ने अपनी जान दाँव पर लगा कर व्यवस्थाएँ संभाली और कुछ लोग इसमें शहीद भी हुए। कोविड काल में प्रदेश में सेवा का नया अध्याय रचा गया। पुलिस ने देशभक्ति और जन-सेवा के मूल मंत्र को साकार किया। प्रदेशवासियों को हमसे बहुत अपेक्षाएँ हैं, टीम मध्यप्रदेश बेहतर कार्य कर रही है, पर सुधार की गुजाइंश सदैव बनी रहती है।


मुख्यमंत्री चौहान कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन के प्रथम-सत्र को संबोधित कर रहे थे। मंत्रालय में हुई कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना सहित राज्य स्तरीय अधिकारी, संभागायुक्त, आईजी, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

हमारी प्रतिबद्धता और निरंतर चलने वाले अभियान से डकैती और नक्सल समस्या नियंत्रण में

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहाँ सभी माफिया गतिविधियों को समाप्त कर दिया गया है। डकैती उन्मूलन के साथ ही नक्सलवाद के विरुद्ध अभियान लगातार जारी है। प्रदेश में एक करोड़ 14 लाख के इनामी 6 नक्सलियों को समाप्त करने के लिए हॉक फोर्स बधाई की पात्र है। प्रदेश में नक्सली गतिविधियाँ केवल छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा पर शेष हैं। प्रदेश के अंदरूनी जिलों में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। यह हमारी प्रतिबद्धता और निरंतर चलने वाले अभियान का ही परिणाम है।


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