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Pravasi Bharatiya Sammelan 2023: विदेश मंत्री ने कहा इंदौर बड़े दिलवालो का शहर, मंत्री ठाकुर बोले सराफा जरूर जाये, CM शिवराज बोले छप्पन दुकान भी ..

 


Pravasi Bharatiya Sammelan 2023 इंदौर : देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये... से हुई है। विशेष यह कि जी-20 समूह के 20 देशों के कलाकारों द्वारा यह भजन अपनी-अपनी भाषा में प्रस्तुत किया गया। देश के युवा और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने युवा प्रवासियों का स्वागत करते हुए कहा कि पासपोर्ट का रंग कोई भी हो हमारा खून एक ही है। उन्होंने युवा प्रवासियों को सराफा चौपाटी जाने का आग्रह भी किया। 

अमृतकाल में देश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रवासियों को निवेश, आयडिया एक्सचेंज के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा आप हमारे दिल के टुकड़े हैं। शिवराज सिंह ने नवाचार के लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया। न्यूटन का उदाहरण और सेब के पेड़ का किस्सा सुनाकर कहा कि जो दिमाग में विचार आये उसे जमीन पर उतरना ही नवाचार है। उन्होंने कहा कि सराफा के साथ 56 दुकान भी जरूर जाएं।दिन के दूसरे सत्र रोल आफ डिस्पोरा यूथ इन इनोवेशन्स एंड न्यू टेक्नोलाजी में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इसमें ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने प्रवासियों से आग्रह किया कि वह भारतीयों के स्टार्टअप्स, वेंचर में मदद करें। रितेश ने प्रवासियों से कहा कि भारत से आई कंपनियों की विदेश में मदद करिएगा।

उन्होंने कहा कि मैंने विदेशों से आए कई लोगों को दोस्त बनाया है, भारत में किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे याद करें। भारत से निकलकर कई स्टार्ट अप दुनिया में राज कर रहे हैं। हमारी कंपनी दुनिया में 35 देशों से ज्यादा देशों में विदेशी कंपनियों से मुकाबला कर रही हैं। आज का युवा ये नहीं सोचता की में अपने शहर अपने राज्य या अपने देश में कुछ अच्छा काम करूं, आज का युवा दुनिया में सबसे बड़ी चीज बनाने की क्षमता रखता है। उन्होंने साथ ही भारत लौटने की चाह रखने वाले प्रवासी भारतीयों से कहा कि भारत में बहुत सारी संभावनाएं हैं।  आप लौटना चाहते हैं तो यहां सभी दिल खोलकर स्वागत करेंगे।

भारतीय प्रवासी सम्मेलन में आए प्रवासी मेहमानों का स्वागत करते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमारा तो खून का रिश्ता है, पासपोर्ट का नहीं। 12 लाख प्रवासी भारतीय हैं। भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। दूर रहकर भी बड़ा जुड़ाव रखते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ सराफा बाजार ही नहीं जाएं, छप्पन दुकान को भी देखें।

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