....

जोशीमठ में स्थिति बेहद गंभीर

जोशीमठ में भूधंसाव की स्थिति निरंतर गंभीर होती दिख रही है। भवनों और जमीन पर उभरी दरारें न सिर्फ चौड़ी होती जा रही हैं, बल्कि कई जगह दरारों की लंबाई भी बढ़ रही है। इस स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए दरारों में मलबा भी भरा जाने लगा है। हालांकि, भूविज्ञानी इससे सहमत नहीं दिख रहे। 


उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के पूर्व निदेशक व एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर का कहना है कि भूधंसाव जैसी वृहद स्थिति में दरारों को भरने का प्रयास समय व धन दोनों की बर्बादी है।


Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment