इंदौर : जी-20 देशों की बैठक की मेजबानी करना पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है। भारत के हर राज्य में हम बैठक कर रहे हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हम चाहते हैं कि विदेशों में रह रहे हमारे प्रवासी भारतीय सितंबर में होने वाली इस जी-20 बैठक के ब्रांड एंबेसडर बने। यह कहना है कि भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत का। वे प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दूसरे दिन के एक सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता संपूर्ण भारत के लिए गौरव का विषय है। यह अवसर है जहां हम भारत की "वसुधैव कुटुम्बकम्" आधारित विकासपरक सोच एवं विभिन्न विकास क्षेत्रों विशेषकर हमारा तकनीकी आधारित विकास, डिजिटल परिवर्तन, सशक्त फार्मा सेक्टर, पर्यावरण आधारित जीवनशैली एवं विकास गतिविधियां आदि में भारत की क्षमताओं तथा गौरवशाली परंपरा, संस्कृति को वैश्विक स्वर प्रदान कर सकते हैं। अमिताभ कांत ने कहा कि जी-20 समूह विकसित एवं विकासशील राष्ट्रों का विश्व का सबसे बड़ा समूह है। जी-20 के सदस्य मिलकर 85 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी, 75 प्रतिशत वैश्विक व्यापार, 90 प्रतिशत पेटेंट पर हक रखते हैं। विश्व की 60 प्रतिशत जनसंख्या इन देशों में निवासरत है। यह काफी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 2015 के बाद से अब तक 40 करोड़ बैंक खाते खोले हैं, जो अमेरिका की वर्तमान जनसंख्या के बराबर है। हमने 36.7 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे हैं जो भी अमेरिका के बराबर है। भारत ने तीन करोड़ लोगों को अर्फोडेबल हाउस दिए हैं, यह आस्ट्रेलिया के हर व्यक्ति को घर देने के बराबर है।
भारत में 10.9 करोड़ टायलेट बनाए गए है, जो जर्मनी की जनसंख्या से ज्यादा है।जी-20 मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन शृंगला ने कहा कि भारत के 56 शहरों में 215 बैठकें होंगी, जो आज तक के जी-20 के इतिहास में सबसे अधिक हैं। आयोजन स्थल के शहरों को भी इसका लाभ प्राप्त होगा, साथ ही वहां की विशिष्टताओं से भी प्रतिनिधियों का परिचय कराने का अवसर प्राप्त होगा। इस आयोजन के माध्यम से हम भारत की सांस्कृतिक एवं एतिहासिक विविधताओं से भी विश्व को अवगत कराएंगे।
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