....

शौर्य की पराकाष्ठा के समय आयु मायने नहीं रखती - पीएम मोदी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में 'वीर बाल दिवस' के अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह जी की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। यह कार्यक्रम मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहीदी सप्ताह और वीर बाल दिवस हमारी सिख परंपरा के लिए भावों से भरा जरूर है लेकिन इससे आकाश जैसी अनंत प्रेरणा जुड़ी हैं। वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय आयु मायने नहीं रखती। यह याद दिलाएगा कि दस गुरुओं का योगदान क्या है।

पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से पहले ट्विटर पर कहा कि वीर बाल दिवस पर हम साहिबजादों और माता गुजरी जी के साहस को याद करते हैं। हम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहस को भी याद करते हैं। आज दोपहर 12:30 बजे एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस प्रेरक दिन को चिह्नित करें।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि दश गुरुओं का योगदान क्या है, देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है! 'वीर बाल दिवस' हमें बताएगा कि भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है!

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं वीर साहिबजादों के चरणों में नमन करते हुए उन्हें कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इसे मैं अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि उसे आज 26 दिसंबर के दिन को 'वीर बाल दिवस' के तौर पर घोषित करने का मौका मिला। मैं पिता दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी और सभी गुरुओं के चरणों में भी भक्तिभाव से प्रणाम करता हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं मातृशक्ति की प्रतीक माता गुजरी के चरणों में भी अपना शीश झुकाता हूं। इतिहास से लेकर किंवदंतियों तक, हर क्रूर चेहरे के सामने महानायकों और महानायिकाओं के भी एक से एक महान चरित्र रहे हैं। लेकिन ये भी सच है कि चमकौर और सरहिंद के युद्ध में जो कुछ हुआ, वो भूतो न भविष्यति था।


Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment