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सीएम शिवराज सिंह ने कोरोना काल में अनाथ बच्चों के साथ मनाई दीपावली

भोपाल। प्रदेश में प्रतिवर्ष भोपाल में बाल सांस्कृतिक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसमें बच्चों को जोड़ा जाएगा और गीत-संगीत सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। स्वजन के साथ या बाल ग्राम जैसी संस्थाओं में रह रहे बच्चों को प्रतियोगिता से जोड़ा जाएगा। अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों व अन्य अनाथ बच्चों के साथ दीपावली मनाते हुए की। उन्होंने बच्चों के ऊपर पुष्प की वर्षा की, दीप जलाए और बच्चों के साथ नाच-गाना किया। मुख्यमंत्री ने अपने हाथ से बच्चों को भोजन कराया और उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में हर महीने पांच हजार रुपये की सहायता और स्पान्सरशिप के तहत बच्चों को हर महीने चार हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।


मुख्यमंत्री आवास पर मस्ती की पाठशाला लगी। मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा, मामा का घर मस्ती करने का है, मस्ती करो बच्चों, हम दिवाली मानने आए हैं, खुश रहो। हम छू लेंगे आसमां, आगे बढ़ेंगे। ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स कर रही पावना ने 'है दीपावली" बोल के साथ गीत सुनाया। इसके बाद संजना और मिस्टी ने भी एक गीत 'हम कहां रहेंगे, हम कैसे जिएंगे गाया"। प्रीति पूनम ने बुंदेली बोली में गीत की एक सुंदर प्रस्तुति दी।

परेशान होने की जरूरत नहीं मामा तुम्हारे साथ है

मुख्यमंत्री ने मंच पर रहमान और दीया को बुलाकर भरोसा दिलाया कि मामा तुम्हारे साथ है, मामा बच्चों का ध्यान रखेगा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत नर्मदापुरम की बाल हितग्राही मोनिका, अग्नेय यादव, राजगढ़ की निकिता कुशवाह, सीहोर की शिखा बागवान और विदिशा की वैष्णवी नामदेव को चेक और आयुर्वेद दिवस पर विंध्य हर्बल की किट दी। इस कार्यक्रम में कोविड बाल सेवा योजना और बाल अशीर्वाद योजना के कुल 450 बच्चे शामिल हुए।

शिवराज ने बच्चों से की ठिठोली, पूछा- कैसा लगा मामा का फटा गला

मुख्यमंत्री ने बच्चे मन के सच्चे सारी दुनिया के आंख के तारे गीत गया। इसके बाद उन्होंने बच्चों से पूछा कि कैसा लगा मामा का फटा गला। मेरी आवाज अच्छी नहीं है और गला फटा हुआ है फिर भी मैं बच्चों के लिए गीत गाऊंगा। फिर उन्होंने नदिया चले, चले रे धारा तुझको चलना होगा... गीत गया। इस गाने पर मुख्यमंत्री बच्चों के साथ झूमने लगे। बालिका शहायना ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिखी हुई कविता 'आओ मिलकर दिया जलाएं" सुनाई। इसे सुनकर शिवराज इतना खुश हुए कि उन्होंने शेहायना को गोद में बैठा लिया।

कालेज की पढ़ाई कराएगी सरकार, अनाथ बच्चों का बनेगा एप

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाथ बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्च सरकार उठाएगी। डाक्टर, इंजीनियर या और कोई पढ़ाई करनी हो तो करो, कालेज की पढ़ाई का सारा खर्च मामा उठाएगा। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना से माता-पिता को खो चुके बच्चों का अलग से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया जाए। इसमें इन सभी बच्चों को जोड़ें और जब इनका मन करे, मुझे सूचना दें मैं इनसे मिलूंगा।

साधना सिंह ने बच्चियों को खिलाए गोलगप्पे

मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह ने बच्चियों को अपने पास बुलाया और उनका हालचाल जाना। उनसे पूछा कि गोल-गप्पे खाओगी। बच्चियों ने हां कहा तो उन्होंने अपने हाथ से बच्चियों को गोल-गप्पे और फिर रसगुल्ले खिलाए।


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