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भारत का अद्वैत दर्शन करायेगा विश्व को शाश्वत शांति का दिग्दर्शन : मुख्यमंत्री चौहान

 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन अपने अद्वैत दर्शन के माध्यम से भारत ही कराएगा। आज विश्व जिन विवादों में घिरा है, उनका हल भारत के पास है। हमारा दर्शन विश्व शांति और विश्व-कल्याण का है। हमारी विचारधारा "वसुधैव कुटुंबकम" एवं "सर्वे भवंतु सुखिन:" की है।



मुख्यमंत्री चौहान आज डेली कॉलेज इंदौर में प्रज्ञा प्रवाह के संयोजन में आयोजित यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव में शामिल हुए। कॉन्क्लेव में भारतीय चिंतन के विषय में युवा चिंतकों ने अपने विचार रखे। मुख्य वक्ता प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक जे. नंदकुमारम, जस्टिस सुबोध अभ्यंकर, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता, देवी अहिल्या विश्व विद्यालय की कुलपति प्रोफेसर रेणु जैन, पाणिनी वैदिक विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार मेनन, डॉ. अखिलेश कुमार पांडे और महापौर पुष्यमित्र भार्गव उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के पूजन से हुआ। मुख्यमंत्री चौहान का स्वागत डेली कॉलेज के अध्यक्ष विक्रम पवार ने किया। कॉन्क्लेव में समूचे भारत के 500 युवा शिरकत कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारा अद्वैत दर्शन कहता है कि प्रत्येक जड़ और चेतन में एक ही चेतना है, हर आत्मा में परमात्मा है। अहम् ब्रह्मास्मि। मैं और तुम एक है। सभी एक हैं। यह जानने के बाद और कुछ जानने के लिए शेष नहीं रह जाता। हम प्रकृति की पूजा करते हैं, नदियाँ हमारे लिए माता हैं।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत के दर्शन की गहराइयों में जाएँ तो विश्व के सारे विवादों का हल भारत के पास है। जिस प्रकार हमारे शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा होते हैं, उसी प्रकार समाज के भी शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा होते हैं। पूरी धरती और और उस पर रहने वाले शरीर है, सामूहिक संकल्प (मेरा देश, देश भक्ति) मन है, संविधान बुद्धि है और सबका कल्याण आत्मा है। सबके कल्याण में ही सारे विवादों का हल है।

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