उज्जैन। कार्तिक पूर्णिमा पर आठ नवंबर मंगलवार को खग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। उज्जैन में शाम 5.43 से शाम 6.19 बजे तक कुल 36 मिनट ग्रहण रहेगा। धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार पूर्णिमा के दिन होने वाला ग्रहण शुभ है। ग्रहण के शुभ प्रभाव से व्याधियों के उपचार की औषधि का अनुसंधान सफल होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ग्रहण की जद में छह ग्रह रहेंगे। इससे अलग-अलग राशियों पर ग्रहण का भिन्न प्रभाव रहेगा। कार्तिक अमावस्या के ठीक 15 दिन बाद पूर्णिमा पर दूसरा ग्रहण होने जा रहा है।
धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार देखें तो कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर ग्रहण का होना शुभकारी इसलिए भी बताया गया है कि इस दौरान चंद्रमा के अंश बढ़ेंगे। ग्रहण के दौरान यदि अंश कला विकला की गणना से देखें तो चंद्रमा भरणी नक्षत्र के तीसरे चरण तथा 22 अंश व 28 कला पर अवस्थितरहेगा। वहीं राहु 18 अंश 51 कला भरणी नक्षत्र के दूसरे चरण में रहेगा। इस दृष्टि ये यह ग्रहण की श्रेणी में तो आएगा, किंतु इसका नकारात्मक प्रभाव
नहीं पड़ेगा।
मेष राशि व भरणी नक्षत्र पर रहेगा ग्रहण
कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि तथा भरणी नक्षत्र पर होगा। मेष राशि का स्वामी मंगल है। वहीं भरणी नक्षत्र का स्वामी शुक्र तथा उप स्वामी बुध रहेगा। इस दृष्टि से मेष राशि वाले जातकों तथा भरणी नक्षत्र के जातकों को सावधानी बरतनी होगी। साथ ही दक्षिण पूर्व दिशा के राष्ट्र व राज्यों के लिए भी यह समय संभलने का रहेगा।
छह ग्रह रहेंगे ग्रहण की जद में
नवग्रहों में छह ग्रह का केंद्र योग तथा केंद्र संबंध व दृष्टि संबंध रहेगा। इन ग्रहों में क्रमशः चंद्र राहु का युति संबंध मेष राशि पर तथा तुला राशि पर सूर्य, केतु, शुक्र व बुध चार ग्रह रहेंगे। इस दृष्टि से समसप्तक दृष्टि संबंध बनेगा। चुकी ग्रहण के समय मेष लग्न का प्रभाव रहेगा, जिसके अलग-अलग प्रकार सामने आएंगे।
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