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स्थायी धन के देवता हैं कुबेर,

 

कहा जाता है कि अर्थ बिना सब व्यर्थ। जीवन चलाने के लिए धन बहुत जरूरी है। घर या ऑफिस में अच्छी कमाई और आय के लिए लक्ष्मी का पूजन किया जाता है, लेकिन कुबेर का भी उतना ही महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कुबेर महाराज को स्थायी धन का स्वामी माना जाता है। कुबेर देव धन को स्थिर रखने का कार्य करते हैं और देवी लक्ष्मी धन को गतिमान रखती हैं। कुबेर महाराज को खजाने के रूप में स्थायी धन का देवता भी कहा जाता है, इसलिए कुबेर जी को भी मां लक्ष्मी की तरह पूजा जाता है।



कुबेर को पूरे ब्रह्मांड में धन के देवता के रूप में जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, कुबेर एकमात्र ऐसे देवता हैं जो धन को स्थायी रखते हैं और उन्हें धन का देवता कहा जाता है। कुबेर जी की पूजा और जप करने से धन की रक्षा होती है। कुबेर यंत्र और पूजा को धन प्राप्ति का सर्वोत्तम उपाय माना जाता है। इससे धन को स्थायी किया जा सकता है और कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। दिवाली पर कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है। जिन घरों में क्लेश नहीं होता और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है, वहां कुबेर का वास होता है और उनकी कृपा बनी रहती है।


हर शुक्रवार को करें श्री सूक्त का पाठ

श्री सूक्त के पाठ की विधि धन प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। इसका पाठ करने से भक्त देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। ऋग्वेद में लक्ष्मी जी की पूजा के लिए श्री सूक्त के प्रभावशाली मंत्रों का उल्लेख किया गया है। यदि व्यक्ति शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करता है और पूजा के बाद श्री सूक्त का पाठ करता है, तो देवी लक्ष्मी की कृपा खूब बरसेगी। श्री सूक्त के पाठ से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे जातक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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