मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित प्रतिष्ठित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के 650 एकड़ क्षेत्रफल वाले परिसर में पिछले पांच दिनों से विचरण कर रहे बाघ के एक शावक की तस्वीर अब कैमरे में कैद हो गई है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं। इसके पहले वन अधिकारियों ने बाघ के पंजों के निशान मिलने पर और परिसर में किसी बड़े बाघ की मौजूगी की पुष्टि की थी। लेकिन वन अधिकारियों ने अब कहा है कि इस संस्थान के लोगों को खतरा नहीं है। अब सोमवार से इस संस्थान में फिर से ऑफलाइन कक्षाएं नियमित रूप से शुरू हो जाएंगी।
परिसर में बाघ के प्रवेश करने के बाद बृहस्पतिवार को सुरक्षा कारणों से इस संस्थान में ऑनलाइन कक्षाएं लगाई गई थीं। भोपाल के वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) आलोक पाठक ने कहा, 'हमारे कैमरों ने शनिवार को मैनिट परिसर में टी-123 बाघिन से पैदा हुए दो साल से अधिक उम्र के बाघ टी-123-4 की तस्वीरें खींची हैं।' उन्होंने कहा कि 50 वनकर्मियों ने पांच दिनों तक दिन-रात काम किया और बाघ की तस्वीर को वहां लगाए गए कैमरे में कैद कर लिया है।
बाघ को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे
पाठक ने बताया कि बाघों के व्यवहार के अध्ययन के अनुसार, बाघ सात-आठ दिनों में एक जगह से बाहर निकल जाता है। रविवार को इस परिसर में छठा दिन है, वह एक-दो दिन में वहां से बाहर निकल सकता है। उन्होंने कहा कि यह बाघ अब मैनिट से जुड़े लगभग 300-400 एकड़ में फैले वन क्षेत्र के निचले इलाके में विचरण कर रहा है। पाठक ने कहा, 'हमने उसे पकड़ने के लिए वहां पिंजरे भी लगाये हैं। इन पिंजरों में उसके लिए शिकार रखा गया है।'
'बाघ से छात्रों को खतरा नहीं'
वन अधिकारियों के अनुसार बाघ ने मैनिट परिसर में दो गायों को मार डाला है। उन्होंने बताया कि मैनिट के कुछ कर्मचारियों ने परिसर में मवेशी भी पाल रखे हैं। मैनिट के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अमित ओझा ने कहा, 'वन अधिकारियों ने हमें परिसर में बाघ के पग चिह्न के बारे में सूचित किया, जिसके बाद हमने बृहस्पतिवार को ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की। हालांकि, अगले दिन से हमने ऑफलाइन पढ़ाई फिर से शुरू कर दी, क्योंकि डीएफओ ने हमें लिखित में बताया कि बाघ से छात्रों को कोई खतरा नहीं है।'
0 comments:
Post a Comment