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समरकंद में PM मोदी ने कूटनीतिक तरीके से चीन -पाक को खूब सुनाया


 नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में सबसे देर से पहुंचे थे। इस बेहद अहम सम्मेलन में पीएम मोदी क्या बोलेंगे इसपर सबकी नजरें थीं। समरकंद में 4 मिनट 49 सेकेंड के अपने भाषण में पीएम मोदी ने नाम तो किसी देश का नहीं लिया लेकिन संदेश सभी के लिए था। खासकर चीन और पाकिस्तान के लिए। आप अगर पीएम मोदी के भाषण की एक-एक लाइन पढ़ें तो समझ जाएंगे की किस कूटनीतिक तरीके से उन्होंने ड्रैगन को खूब सुना दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के पर प्रगति कर रहे हैं। भारत का युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स कंपटिटीव बनाता है। भारत की अर्थव्यवस्था में इस साल 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की आशा है, जो विश्व कि बड़ी इकॉनमीज में सबसे अधिक होगी। हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70 हजार स्टार्टअप हैं, जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। हमारा यह अनुभव कई एससीओ सदस्यों के भी काम आ सकता है। अब समझिए की पीएम मोदी के इस बयान से चीन कैसे जला-भुना होगा। 

दरअसल, स्टार्टअप के जरिए भारत दुनियाभर को अपेक्षाकृत सस्ते सामान या तकनीक के लिए लुभा रहा है। वैसे भी ऐपल कंपनी अब चीन की जगह भारत में अपने उत्पाद बनाने को प्राथमिकता दे रहा है। कोरोना काल में चीन से कई बड़ी कंपनियों ने या तो कारोबार समेटा है या उसका कुछ हिस्सा भारत समेत कई अन्य देशों में ट्रांसफर किया है। चीन को ये अच्छी तरह से पता है कि भारत सुगम और सस्ते श्रमशक्ति के बल पर उससे आगे निकलने की क्षमता रखता है। यही नहीं, पीएम मोदी ने दक्षिण एशिया की शांति के लिए चीन का बिना नाम लिए सुना दिया। उन्होंने कहा कि भारत SCO देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग का समर्थन करता है।

 दरअसल, चीन पिछले कुछ समय से LAC पर अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में पीएम मोदी का यह बयान चीन के लिए एक सख्त संदेश भी माना जा रहा है।पीएम मोदी ने बैठक में बिना नाम लिए पाकिस्तान को भी सुना डाला। पीएम मोदी ने कहा कि SCO को क्षेत्र में लचीली आपूर्ति शृंखला बनाने का प्रयास करना चाहिए और इसके लिए बेहतर संपर्क सुविधा एवं एक-दूसरे को ट्रांजिट का अधिकार देना महत्वपूर्ण होगा। 

दरअसल, उन्होंने इशारों में अफगानिस्तान को दिए जाने सहायता में पाकिस्तान की रोक का जिक्र कर दिया। पीएम ने अफगानिस्तान को मदद में रोड़ा अटकाने को लेकर पाकिस्तान को खूब सुना डाला। भारत की खरी खोटी सुनने के बाद पाकिस्तान फिर से शांति और आतंकवाद का राग अलापा। पीएम मोदी ने कहा कि महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन में कई बाधाएं उत्पन्न हुई हैं। जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है। एससीओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त सप्लाई चेन विकिसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता होगी ही।

भारत यूक्रेन युद्ध पर शुरू से ही स्पष्ट रुख अपना रखा है। भारत ने दुनिया के हर मंच पर इसका समाधान आपसी बातचीत से करने पर जोर दिया है। ऐसे में यूक्रेन युद्ध का जिक्र कर इशारों में ये भी बता दिया कि इसकी वजह से दुनिया में कई दिक्कतें भी पैदा हुई हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र समेत कई मंचों पर रूस के खिलाफ अहम प्रस्तावों के दौरान भारत अनुपस्थित रहा है।

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