भोपाल : देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narender Modi) अपने जन्मदिवस के खास अवसर पर श्योपुर में चीता परियोजना (Cheetah project) का शुभारंभ करेंगे। PM मोदी का जन्मदिन इसी महीने की 17 तारीख को है। 17 सितंबर 1950 को जन्मे पीएम मोदी इस साल 72 वर्ष की आयु के हो जाएंगे। देश के विकास के लिए दूरदृष्टि रखने वाले पीएम मोदी (PM Modi) अपने इस जन्मदिन पर देश को एक और तोहफा देने वाले हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh Chauhan) ने कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों के साथ औपचारिक चर्चा में यह जानकारी दी। CM शिवराज ने बताया कि PM मोदी अपने जन्मदिवस पर मध्य प्रदेश में ही रहेंगे और राज्य को चीता परियोजना की सौगात सौपेंगे। इसे लेकर कूनो पालपुर पार्क (Kuno Palpur Park) में बीते 20 दिनों से जोर शोर से तैयारियां की जा रही हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज ने इससे पर्दा उठा दिया है। कराहल (पार्क से 15 किमी दूर) में महिला स्व-सहायता समूह के कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन का भी आयोजन किया जा रहा है। PM मोदी इस कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे। ऐसी आशा है कि इसी दिन आठ चीते नामीबिया से श्योपुर पहुंचाए जा रहे हैं। नामीबिया में इन चीतों को अलग रखा गया है और भारत आने के लिए वे एकदम तैयार हैं। हालांकि ऐसी उम्मीद थी की पिछले माह ही ये चीते भारत लाएं जाएंगे लेकिन किसी कारणवश ऐसा न हो सका। इन चीतों को प्रधानमंत्री पार्क के विशेष बाड़े में छोड़ा जाएगा। इसे लेकर पार्क में पांच और कराहल में चार हैलीपेड तैयार किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि वंशवृद्धि होने पर चीतों को राज्य के अभयारण्य में बसाया जा रहा है। इसे लेकर दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों का दल भी आएगा अभयारण्य का दौरा करेगा। इस दल के साथ भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. यवी झाला और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे
चीता परियोजना का सही अर्थ इसके नाम में ही छिपा है। यह परियोजना धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले जीव चीता के संरक्षण के लिए ही लाई गई है। दुर्भाग्य है कि देश में चीता का अस्तित्व 70 साल पहले ही खत्म हो चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार भारत में चीतों को लाए जाने के लिए प्रयासरत है। नामीबिया से आठ चीते श्योपुर लाए जाएंगे। नामीबिया (Namibia) में भी इन चीतों को अलग रखा गया है और भारत आने के लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं।
हालांकि ऐसी उम्मीद थी कि पिछले महीने ही ये चीते भारत लाए जाएंगे, लेकिन ऐसा न हो सका। इन चीतों को प्रधानमंत्री पार्क के विशेष बाड़े में छोड़ा जाएगा। इसे लेकर पार्क में पांच और कराहल में चार हैलीपेड तैयार किए जा रहे हैं। कोरोना काल से पहले भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद 2020 में चीता लाना तय किया था, लेकिन मध्य प्रदेश के कुछ हिस्साें में उस साल प्रतिकूल मौसम के कारण कूनो पालपुर नेशनल पार्क में चीता के लिए बाड़ा नहीं तैयार किया जा सका। इसके बाद अफ्रीका में कोरोना के नए मामले आने शुरू हो गए, जिस कारण योजना से संबंधित भारतीय अधिकारियों की अफ्रीका की यात्रा निरस्त हो गई और काम को रोकना पड़ा।
कभी भारत को एशियाइ चीतों का घर माना जाता था। यहां इनकी इतनी ज्यादा संख्या थी कि इनका शिकार करना राजघरानों का शौक हो गया। इस शौक के कारण चीते विलुप्त हो गए। देश में आखिरी चीता वर्तमान छत्तीसगढ़ में राजाओं के इसी शौक के कारण मारा गया। इसके बाद 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया। चीता प्रोजेक्ट के तहत अगले 5 सालों में चीतों की संख्या को 50 तक करने की योजना है।
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