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पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात पर दुनिया की नजर

 शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के समरकंद सम्मेलन के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की द्विपक्षीय मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर रहेंगी। उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15 और 16 सितंबर को एससीओ का सम्मेलन होगा। दोनों देशों की तरफ से संकेत है कि मोदी और पुतिन की इस मुलाकात का बड़ा एजेंडा है जो द्विपक्षीय रिश्तों को और प्रगाढ़ करेगा। भारतीय पीएम का मुख्य मकसद रूस के ऊर्जा स्त्रोतों का इस्तेमाल अपनी ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए करने का है जबकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से जूझ रहे पुतिन की कोशिश होगी कि कूटनीतिक सहयोग का मजबूत आश्वासन भारत उन्हें दे। रूस की तरफ से बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच रणनीतिक स्थिरता पर अहम बातचीत होगी। साथ ही विभिन्न बहुराष्ट्रीय संगठनों में किस तरह से एक दूसरे की मदद की जाए, यह भी एक मुद्दा रहेगा।


यूक्रेन पर हमले के बाद पुतिन ने जिन वैश्विक नेताओं से बात की, उनमें मोदी भी जानकारों का कहना है कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने जिन गिने-चुने वैश्विक नेताओं से बात की है, उनमें पीएम मोदी भी शामिल हैं। भारत की अहमियत पुतिन के लिए पहले से भी ज्यादा हो गई है। इसकी एक वजह यह भी है कि भारत दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता करेगा। यूएनएससी में रूस के खिलाफ कई प्रस्तावों पर वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहकर भारत ने उसे परोक्ष तौर पर मदद ही की है। रूस चाहेगा कि भारत बतौर अध्यक्ष भी उसके हितों का ख्याल रखे। इसके अलावा अगले वर्ष जी-20 देशों के संगठन की अगुवाई भारत करेगा और साथ ही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अगुवाई भी भारत करने वाला है। इन दोनों अहम सम्मेलनों में रूस को कई स्तर पर भारत की मदद चाहिए।


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