राजस्थान में चल रही राजनीतिक हलचल के बीच प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक इसमें मंत्री शांति धारीवाल के घर विधायकों की बैठक बुलाने वाले मंत्रियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। कांग्रेस पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में अनुशासहीनता के लिए राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी समेत तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। खास बात ये है कि इसमें अशोक गहलोत का नाम नहीं है। यानी अनुशासनहीनता के लिए अशोक गहलोत को दोषी नहीं माना गया है। अशोक गहलोत ने अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं भरा है। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी का आदेश मिलने के बाद ही अशोक गहलोत अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरेंगे।
डैमेज कंट्रोल में जुटे अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक गलत चाल के बाद डैमेज कंट्रोल में जुट गये हैं। मंगलवार की शाम उन्होंने अपने कुछ मंत्रियों और विधायकों के साथ अनौपचारिक मीटिंग की। इससे पहले अशोक गहलोत ने फोन पर पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की। रविवार को हुए घटनाक्रम के बाद पहली बार दोनों के बीच बातचीत हुई। माना जा रहा है कि गहलोत ने कहा है कि हमने कभी आलाकमान को चुनौती नहीं दी। जो कुछ हुआ उसमें विधायकों की अपनी मर्जी थी। अशोक गहलोत ने बातचीत तब की है, जब मुख्यमंत्री पद के दूसरे दावेदार सचिन पायलट दिल्ली पहुंचे हुए हैं और सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं। ऐसे में राजस्थान की लड़ाई का फैसला दिल्ली दरबार में होना तय है।
अशोक गहलोत की सफाई के बावजूद गतिरोध बरकरार है। जयपुर से निराश होकर लौटे पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन भी अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपने जा रहे हैं। आपको बता दें कि माकन ने गहलोत गुट के रवैये को अनुशासनहीनता कह दिया था। उसके बाद से ही अशोक गहलोत अपनी सफाई देने में जुटे हैं। सोमवार को पर्यवेक्षकों के जयपुर से निकलने से पहले अशोक गहलोत ने होटल में मल्लिकार्जुन खड़गे से बातचीत की थी। सूत्रों का कहना है कि गहलोत ने खड़गे के सामने भी अपनी सफाई दी और कहा कि उन्होंने विधायकों को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा था।
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