....

विदेशी कारोबार के रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं खत्म

 नई दिल्ली। सरकार ने रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत पिछले सप्ताह विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की तरफ से रुपये में आयात-निर्यात को लेकर अधिसूचना जारी की गई। इससे रुपये में विदेशी कारोबार के रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं खत्म हो गई हैं।

सरकार 2047 तक रुपये को अंतरराष्ट्रीय करेंसी के रूप में स्थापित करना चाहती है, ताकि आजादी के 100 साल से पहले भारत की करेंसी भी किसी अन्य करेंसी से कम मूल्यवान नहीं रहे। हाल ही में वित्त मंत्रालय और वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक में रुपये को वैश्विक करेंसी में स्थापित करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने पर चर्चा की गई।


अभी 40 प्रतिशत से अधिक वैश्विक कारोबार अमेरिकी डालर में होता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के सीईओ और महानिदेशक अजय सहाय का कहना है कि रूस के साथ जल्द ही रुपये में कारोबार शुरू हो सकता है। इसके बाद सऊदी अरब के साथ भी ऐसी संभावना है। यह निश्चित रूप से रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। फियो के पूर्व अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने बताया कि श्रीलंका, बांग्लादेश, मैक्सिको, ब्राजील जैसे देश भी भारत के साथ रुपये में कारोबार कर सकते हैं।


Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment