हेमंत सोरेन सरकार ने आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस दौरान हेमंत सोरेन सरकार विश्वास प्रस्ताव रखेगी। विधानसभा सचिवालय द्वारा विधायकों को भेजे गए पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत प्रस्ताव लाने की इच्छा जाहिर की है। इस दौरान सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। इससे पहले इस राजनीतिक हलचल पर विचार-विमर्श के लिए रविवार को भारतीय जनता पार्टी अपने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। हेमंत सोरेन सरकार का आरोप है कि बीडेपी सत्ता हासिल करने के लिए उनके विधायकों को खरीदने की साजिश कर रही है।
कहां फंसा है पेंच?
आज सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर राज्यपाल निर्णय लेने वाले हैं। मीडिया सूत्रों के मुताबिक सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खतरे में है। सीएम हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रहते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम 88 डिसमिल के क्षेत्रफल वाली पत्थर खदान लीज पर ली थी। मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा और चुनाव आयोग ने उनकी सदस्यता रद्द करने संबंधी अनुशंसा राज्यपाल को भेज दी।
अब राज्यपाल ने इस बारे में अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। अगर विधानसभा का सदस्यता रद्द होती है, तो हेमंत सोरेन दुबारा विश्वास मत हासिल कर मुख्यमंत्री बन जाएंगे। शर्त ये होगी कि उन्हें 6 महीने के भीतर दुबारा चुनाव लड़कर विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी होगी। दूसरा मामला ये हो सकता है कि 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' के मुद्दे पर राज्यपाल मुख्यमंत्री को 5 साल तक चुनाव लड़ने से रोक भी सकते हैं। ऐसे में मामला कोर्ट में जा सकता है और राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी जा सकती है। वहीं राजनीतिक तौर पर इसे बीजेपी की सत्ता हासिल की कोशिश बताया जाएगा और झारखंड समेत पूरे देश में विरोध का माहौल खड़ा किया जाएगा। बीजेपी इस फैसले को लेकर दुविधा में है।
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