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Nidhivan: रहस्यों से भरे निधिवन में रोजाना होता है भगवान श्रीकृष्ण और राधा का मिलन!

 


भोपाल : सनातन धार्मिक ग्रंथों में चार युगों का वर्णन किया गया है। ये क्रमशः सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग हैं। द्वापर युग में भगवान श्रीहरि विष्णु मानव रूप में अवतरित हुए थे। कालांतर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। वर्तमान समय में यह पावन स्थल उत्तर प्रदेश में है। वहीं, भगवान नारायण के साथ रहने हेतु माता लक्ष्मी भी राधा रूप में धरती पर अवतरित हुई थी। उनका जन्म बरसाने में हुआ था।

 हालांकि, उनके जन्म स्थल को लेकर जानकारों में मतभेद हैं। राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण के बीच आत्मीय संबंध था। दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। हालांकि, नारद जी के शाप के चलते राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण को वियोग मिला और उनकी शादी नहीं हो पाई थी। कालांतर में जब राधा रानी वृद्ध हो गई, तो कृष्ण महल में रहती थी। इसके बावजूद उन्हें विरह से मुक्ति नहीं मिली।

अंत में राधा रानी पास के वन में रहने लगी और भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन सुन पंचतत्व में विलीन हो गई। इससे पूर्व बाल्यावस्था में भी राधा रानी, श्रीकृष्ण की बांसुरी की धुन पर दौड़ी चली आती थी। वर्तमान समय में भी बरसाने में स्थित निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी रासलीला हेतु रोजाना उपस्थित होते हैं।यह एक रहस्य है, जिससे पर्दा नहीं उठ पाया है, लेकिन यह सच है। जानकारों की मानें तो रोजाना शाम में 7 बजे के बाद निधिवन में राधा रानी और भगवान कृष्ण आते हैं। फिर रातभर निधिवन में रहते हैं। रासलीला करते हैं और फिर अगली सुबह अंतर्ध्यान हो जाते हैं।

इस बात की प्रामाणिकता पुजारी के कार्यकलापों से मिलती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शाम के समय निधिवन के पुजारी वन में बिस्तर लगाते हैं। इसके अलावा, खाने पीने की चीजों के साथ पान और वस्त्र भी रखते हैं। 7 बजे निधिवन को बंद कर दिया जाता है। अगली सुबह निधिवन के कपाट को खोला जाता है। उस समय खाने पीने की चीजें नहीं रहती है। वहीं, बिस्तर पर लगता है कि कोई सोया था। निधिवन के बारे में यह भी कहा जाता है कि अगर कोई देर रात निधिवन में रुकने की कोशिश करता है, तो उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। अगर जीवित रह जाता है, तो व्यक्ति अंधा या गूंगा हो जाता है। इसके लिए शाम में 7 बजे ही निधिवन को बंद कर दिया जाता है। जब कभी अवसर मिले, तो एक बार निधिवन घूमने जरूर जाएं।


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